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This Article is From Apr 22, 2022

वैशाख के महीने में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानें मान्यतानुसार किस तरह की जाती है महादेव की पूजा

Guru Pradosh Vrat: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. आइए जानें, वैशाख के महीने में कब और किस तरह रखा जाएगा प्रदोष व्रत.

वैशाख के महीने में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानें मान्यतानुसार किस तरह की जाती है महादेव की पूजा
Pradosh Vrat: इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
Quick Take
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प्रदोष व्रत वैशाख की त्रयोदशी के दिन है.
अप्रैल में गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा.
इस दिन भगवान शिव की आराधना होती है.

Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत की भक्तों के बीच विशेष मान्यता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की भक्तों पर विशेष कृपा होती है और वे प्रसन्न होकर सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस वर्ष वैशाख के महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. वैशाख के महीने (Vaisakh Month) में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 28 अप्रैल के दिन है. इस दिन गुरुवार होने के चलते इसे गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat) भी कहते हैं. गुरु प्रदोष व्रत के दिन खास तरह से पूजा आदि की जाती है. 

गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि | Guru Pradosh Vrat Puja Vidhi


वैशाख के महीने में ज्योतिषी के अनुसार 28 अप्रैल (April) के दिन शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 4 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. वहीं, इस दिन शाम 5 बजकर 40 मिनट से अगले दिन यानी 29 अप्रैल सुबह 5 बजकर 42 मिनट तक सर्वाद्ध सिद्ध योग माना जा रहा है. इस दिन निम्न विधि से महादेव की पूजा की जाती है. 

  • पूजा के लिए सुबह निवृत होकर स्नान किया जाता है और स्वच्छ कपड़े पहनें जाते हैं. 
  • इसके पश्चात मान्यतानुसार व्रत रखा जाता है और भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा होती है. 
  • पूजा में चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शम्मी के पत्त, अक्षत, शहद, दूध, सफेद फूल और गंगाजल मान्यता के अनुसार शामिल किया जाता है. 
  • भोग में मिठाई चढ़ाना शुभ मानते हैं. महादेव (Mahadev) को शहद के साथ दूध भी अर्पित किया जा सकता है. 
  • इसके बाद भगवान शिव की आरती अथवा मंत्रों का जाप करके पूजा का अंत होता है.
  • मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण अगले दिन सुबह के समय होता है. 

  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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