
Sawan mangala gauri vrat 2025 : हर साल श्रावण मास में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. इस दिन देवी पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. यह व्रत विवाहित स्त्रियां और कुंआरी लड़कियां दोनों रख सकती हैं. ऐसी मान्यता है यह व्रत करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुंआरी लड़कियों को मनचाहे वर की मनोकामना पूरी होती है. साथ ही, जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. ऐसे में आइए जानते हैं सावन के पहले मंगला गौरी व्रत का पूजा मुहूर्त और विधि...
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पहला सावन मंगला गौरी व्रत 2025 पूजा मुहूर्त - First Sawan Mangala Gauri Vrat 2025 Puja Muhurta
15 जुलाई को मंगला गौरी के पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:12 मिनट से सुबह 04:52 मिनट तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त सुबह 11: 59 मिनट से दोपहर 12:55 मिनट तक रहेगा.
वहीं, विजया मुहूर्त सुबह 02:45 मिनट से दोपहर 03:40 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा शाम के पूजन का समय 7:19 मिनट से रात 7:40 तक रहेगा.
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि - Mangala Gauri Vrat puja vidhi
- सबसे पहले मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लीजिए.
- अब आप देवी पार्वती का ध्यान करके व्रत का संकल्प लीजिए. फिर पूजा के स्थान पर पूजा चौकी रखिए और उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लीजिए. फिर इसपर मां पार्वती का चित्र रखिए.
- अब आप आटे की दीपक बनाकर उसमें गाय का घी भरकर मां पर्वती की तस्वीर के सामने रखकर जलाएं. इसके बाद मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करिए.
- सुहागिन स्त्रियां माता पार्वती (mata parvati puja significance) को लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्रियां, 16 मालाएं, 16 चूड़ियां अर्पित करें.
- साथ ही मिठाई का भोग लगाएं. पूजा के दौरान ओम् गौरी शंकराय नमः (Om Gauri Shankaraya Namah) इस मंत्र का जाप जरू करें. इससे देवी पार्वती और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- मंगला गौरी व्रत करने से संतान सुख से वंचित लोगों को संतान सुख प्राप्त हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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