Evening Puja Mantra: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए कई समय निर्धारित किए गए हैं. आमतौर पर सुबह और शाम की पूजा (Evening Worship) को खास महत्व दिया जाता है. भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग सुबह के समय पूजा नहीं कर पाते हैं. ऐसे में वे शाम के समय पूजा करते हैं. शाम की पूजा (Evening Worship) करते समय खास बातों का ध्यान रखा जाता है. साथ ही शाम की पूजा में खास मंत्रों (Evening Puja Mantra) का इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं कि शाम की पूजा में कौन-कौन से मंत्र पढ़े जाते हैं.
पहला मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्
सदावसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानीसहितं नमामि
मंत्र का अर्थ है- जो कपूर की तरह शुद्ध और गौर वर्ण वाले हैं, वह करुणा के साक्षात् रूप हैं, वही इस संसार का सार हैं और भुजंगों का हार धारण करते हैं. वे भगवान शिव माता पार्वती सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करते हैं और उन्हें मेरा प्राणाम है.
दूसरा मंत्र
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तुते
तीसरा मंत्र
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते
चौथा मंत्र
अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः
ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम्
पांचवां मंत्र
कीटा: पतङ्गा: मशका: च वृक्षाः
जले स्थले ये निवसन्ति जीवाः
दृष्ट्वा प्रदीपं न च जन्म भाजाः
सुखिनः भवन्तु श्वपचाः हि विप्राः
शाम की पूजा में इन बातों का रखा जाता है खास ख्याल
आमतौर पर शाम के समय भगवान की आरती की जाती है. हालांकि विशेष परिस्थिति में सूर्यास्त के बाद भी पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद की पूजा में शंख और घंटियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. क्योंकि कहा जाता है कि शाम के बाद भगवान सोने के लिए चले जाते हैं. इसके अलावा सूर्यास्त के बाद फूल तोड़ने की मनाही है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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