Diwali 2023: साल दर साल दीवाली का त्योहार आता है और अपने साथ लेकर आता है ढेरों खुशियां और उल्लास का माहौल. पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के वध के बाद जब श्रीराम (Shri Ram) अयोध्या लौटे थे तो पूरे राज्य में घी के दीपक जलाए गए थे. इस दिन से ही दीपावली मनाने की शुरूआत हुई थी. इस त्योहार की जितनी धार्मिक मान्यता है उतना ही यह प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने वाला भी माना जाता है. दीवाली के दिन सभी के घर दीयों से रौशन नजर आते हैं, एक दूसरे के घर मिठाइयां लेकर जाया जाता है, बच्चे एकसाथ खेलते हैं और घरों में लक्ष्मी-गणेश (Lakshmi-Ganesh) का पूजन होता है.
इस साल दीवाली का त्योहार 12 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. इस दिन को छोटी दीवाली (Chhoti Diwali) के नाम से जाना जाता है. वहीं, बड़ी दीवाली 13 नवंबर के दिन होगी. दीवाली से पहले 10 नवंबर के दिन धनतेरस है और 15 नवंबर के दिन भाई दूज पड़ रहा है. इस साल नरक चतुर्दशी 12 नवंबर के दिन मनाई जाएगी. इसके अलावा, अमावस्या तिथि की शुरूआत 12 नवंबर दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का अंत अगले दिन दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर हो जाएगा. 12 नवंबर के दिन ही पूजा का शुभ मुहूर्त पड़ रहा है. इस दिन शाम 5 बजकर 39 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट के बीच पूजा की जा सकेगी.
दीवाली से महीने भर पहले से ही घर में साफ-सफाई शुरू हो जाती है. दीवाली पर कहा जाता है कि घर में क्या आ रहा है और घर से क्या फेंका जा रहा है इसकी भी विशेष मान्यता होती है. जैसे, दीवाली पर घर में टूटी-फूटी चीजें रखना अशुभ माना जाता है. कहते हैं इससे घर का माहौल नकारात्मक बनता है. इसके अतिरिक्त दीवाली पर धन हानि हो सकती है. वहीं, दीवाली के दिन घर में कूड़ा इकट्ठा करके रखना भी अच्छा नहीं होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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