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This Article is From Nov 05, 2018

Dhanteras 2018: धनतेरस पर मां लक्ष्मी को करना है प्रसन्न, तो यहां जानिए पूरी पूजा-विधि

Dhanteras 2018: हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर साल कार्तिक मास की तेरस यानी 13वें दिन धनतेरस मनाया जाता है. इसके बाद छोटी दिवाली और फिर दिवाली आती है. यहां जानिए मां लक्ष्मी की पूजा विधि.

Dhanteras 2018: धनतेरस पर मां लक्ष्मी को करना है प्रसन्न, तो यहां जानिए पूरी पूजा-विधि
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधि
नई दिल्ली: धनतेरस (Dhanteras 2018) धन की माता मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का त्योहार है. इस दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्‍मी की खास पूजा की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही क्षीर सागर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इसीलिए इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. धनतेरस पर मां लक्ष्‍मी के साथ महालक्ष्‍मी यंत्र की पूजा भी की जाती है. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर साल कार्तिक मास की तेरस यानी 13वें दिन धनतेरस मनाया जाता है. इसके बाद छोटी दिवाली और फिर दिवाली आती है. धनतेरस को धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi), धन्‍वंतरि त्रियोदशी (Dhanwantari Triodasi) या धन्‍वंतरि जयंती (Dhanvantri Jayanti) नाम से भी जाना जाता है. आप भी इस धनतेरस मां लक्ष्मी का अपने घर में पूजन करें, तो नीचे दी पूजा-विधि को ध्यान से जरूर पढ़ लें.

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धनतेरस के दिन ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा 

1. सबसे पहले लाल रंग के कपड़े पर बिछाएं. उसपर मुट्ठी भर अनाज रखें. अनाज के ऊपर चांदी, तांबे या फिर मिट्टी के कलश रखें. 
2. इस कलश में तीन चौथाई मात्रा में पानी भरें और थोड़ा-सा गंगाजल मिला लें. 
3. इस कलश में फूल, अक्षत, सिक्का और सुपारी डालकर. कलश के ऊपर पांच आम के पत्ते लगाएं. इन पत्तों के ऊपर किसी भी धातु के बर्तन में धान भरकर रखें. 
4. धान पर हल्दी से कमल का फूल बनाएं और उसपर मां लक्ष्मी की मूर्ति को बैठाएं. प्रतिमा के आगे कुछ सिक्के रखें. 
5. कलश के सामने दक्षिण-पूर्व दिशा में दाहिनी तरफ भगवान गणेश की मूर्ति रखें. 
6. आप जिस भी चीज़ का काम करते हों, अपने काम का प्रमुख औजार या साधन को पूजा स्थान पर रखें. 
7. अब पूजा के लिए इस्‍तेमाल होने वाले पानी को हल्‍दी और कुमकुम अर्पित करें. 
8.  अब इस मंत्र का उच्‍चारण करें 
ॐ  श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलिए प्रसीद-प्रसीद 
ॐ  श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मिये नम:

9. अब हाथों में फूल लेकर आंख बंद करें और मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान करते हुए फूल अर्पित करें.
10. अब एक गहरे बर्तन या थाली में मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा रखकर उन्‍हें पंचामृत (दही, दूध, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) से स्‍नान कराएं. इसके बाद पानी में सोने का आभूषण या मोती डालकर स्‍नान कराएं. 
11. अब प्रतिमा को पोछकर वापस कलश के ऊपर रखे बर्तन में रख दें. आप चाहें तो सिर्फ पंचामृत और पानी छिड़ककर भी स्‍नान करा सकते हैं. 
12. अब मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा को चंदन, केसर, इत्र, हल्‍दी, कुमकुम, अबीर और गुलाल अर्पित करें. 
13. अब मां की प्रतिमा पर फूलों का हार चढ़ाएं. साथ ही उन्‍हें बेल पत्र और गेंदे का फूल अर्पित कर धूप जलाएं. 
14. अब मिठाई, नारियल, फल, खीले-बताशे अर्पित करें. 
15.  इसके बाद प्रतिमा के ऊपर धनिया और जीरे के बीज छिड़कें. 
16. अब आप घर में जिस स्‍थान पर पैसे और जेवर रखते हैं वहां पूजा करें. इसके बाद माता लक्ष्‍मी की आरती उतारें.

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