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This Article is From Jul 09, 2016

उड़ीसा के इस जगन्नाथ मंदिर नहीं होती है रथयात्रा और न ही स्थापित है यहां कोई मूर्ति

उड़ीसा के इस जगन्नाथ मंदिर नहीं होती है रथयात्रा और न ही स्थापित है यहां कोई मूर्ति
ब्रह्मपुर (उड़ीसा): अभी भगवान जगन्नाथ के मंदिरों में रथयात्रा उत्सव पूरी निष्ठा और उल्लास से मनाया जा रहा है, जो 6 जुलाई से शुरू हुआ और 15 जुलाई तक चलेगा। उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा में भाग लेने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे हुए हैं। लेकिन इसी राज्य के गंजाम जिले के मरदा में स्थित 300 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर में यह अनुष्ठान नहीं हुआ।

जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियां छिपाई जाती थी यहां
मरदा स्थित इस जगन्नाथ मंदिर में कोई देवी-देवता ही स्थापित नहीं हैं। कहते हैं, सन 1733-35 के दौरान जब कलिंग शैली के मंदिरों को मुस्लिम आक्रांता निशाना बना रहे थे, तब यह मंदिर पुरी के जगन्नाथ मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियों को छिपाने की जगह थी।

‘शरण श्रीक्षेत्र’ के रूप में चर्चित है यह स्थान
बाद में स्थिति शांत होने पर यहां से देवी-देवताओं की मूर्तियां वापस पुरी ले जायी गईं। चूंकि देवी-देवताओं ने मरदा में शरण ले रखी थी अतएव यह जगह ‘शरण श्रीक्षेत्र’ के रूप में चर्चित हो गयी। तब से इस मंदिर में कोई देवी-देवता नहीं है, इसलिए यहां रथयात्रा उत्सव का कभी आयोजन नहीं हुआ।

पुरी की यात्रा करने वालों से मरदा जाने की अपील
आठ साल पहले इस स्थान की यात्रा करने वाले जगन्नाथ संप्रदाय के सेवायतों और शोधकर्ताओं ने दुनिया को इस मंदिर का महत्व बताने का बीड़ा उठाया और पुरी की यात्रा करने वालों से मरदा भी जाने की अपील की ।

सरकार इस स्थान को पर्यटक स्थल घोषित करे: विधायक
यहां के विधायक (पोलासरा) श्रीकांत साहू ने कहा, ‘‘यदि सरकार इस स्थान को पर्यटक स्थल घोषित करेगी, तब इस मदिर का ऐतिहासिक महत्व दुनिया के समाने आएगा।’’

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