
हवा से झुक जाता है चीन का यह पगोडा (फाईल फोटो)
बीजिंग:
चीन के हेबेई प्रांत के डिंगझौ शहर के कैयुआन देवालय में स्थित है चीन का सबसे ऊंचा पैगोडा. यह पूरी तरह ईंट से बना है. चीन के इस सबसे ऊंचे पैगोडा की मरम्मत का काम लगभग पूरा हो गया है.
चीनी अधिकारियों के अनुसार, "मरम्मत का काम पिछले तीन दशकों से चल रहा है. यह ईंट से निर्मित देश की मौजूदा सबसे ऊंची टावर है. 936 साल पुराने ईंट और लड़की से बने इस पैगोडा की ऊंचाई 83.7 मीटर है."
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1884 में आए एक भूकंप से हो गया था क्षतिग्रस्त
इसके मरम्मत के काम में जुटे एक नवीकरण विशेषज्ञ चेन जुन्फेंग ने कहा, "यह 1884 में आए एक भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन मरम्मत के लिए सही सामग्री और पुरानी तकनीक की समझ के अभाव में इसकी मरम्मत का काम एक दशक बाद भी शुरू नहीं हो पाया था."
चेन ने कहा, "पैगोडा में एक दर्जन से ज्यादा किस्म की ईंटों का प्रयोग होने की वजह से यह विषम और असंतुलित है. इसलिए इसे सीमेंट के इस्तेमाल से सहारा नहीं दिया जा सकता."
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हवा से झुक जाता है यह पगोडा
उल्लेखनीय है कि इस पैगोडा के साथ एक विलक्षण मौसमी घटना जुड़ी है. इसका शीर्ष हिस्सा गर्मियों में तेज हवा की वजह से दक्षिण-पश्चिम और सर्दियों में उत्तर पश्चिम की ओर झुक जाता है.
बहरहाल, विशेषज्ञों ने पैगोडा के बाहरी हिस्से की मरम्मत कर ली है. अब वे इसे आंतरिक तौर पर जांच-परख कर अंतिम रुप दे रहे हैं.
चीनी अधिकारियों के अनुसार, "मरम्मत का काम पिछले तीन दशकों से चल रहा है. यह ईंट से निर्मित देश की मौजूदा सबसे ऊंची टावर है. 936 साल पुराने ईंट और लड़की से बने इस पैगोडा की ऊंचाई 83.7 मीटर है."
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1884 में आए एक भूकंप से हो गया था क्षतिग्रस्त
इसके मरम्मत के काम में जुटे एक नवीकरण विशेषज्ञ चेन जुन्फेंग ने कहा, "यह 1884 में आए एक भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन मरम्मत के लिए सही सामग्री और पुरानी तकनीक की समझ के अभाव में इसकी मरम्मत का काम एक दशक बाद भी शुरू नहीं हो पाया था."
चेन ने कहा, "पैगोडा में एक दर्जन से ज्यादा किस्म की ईंटों का प्रयोग होने की वजह से यह विषम और असंतुलित है. इसलिए इसे सीमेंट के इस्तेमाल से सहारा नहीं दिया जा सकता."
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हवा से झुक जाता है यह पगोडा
उल्लेखनीय है कि इस पैगोडा के साथ एक विलक्षण मौसमी घटना जुड़ी है. इसका शीर्ष हिस्सा गर्मियों में तेज हवा की वजह से दक्षिण-पश्चिम और सर्दियों में उत्तर पश्चिम की ओर झुक जाता है.
बहरहाल, विशेषज्ञों ने पैगोडा के बाहरी हिस्से की मरम्मत कर ली है. अब वे इसे आंतरिक तौर पर जांच-परख कर अंतिम रुप दे रहे हैं.
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