बौद्ध धर्म के पवित्र तीर्थस्थली और विश्व के प्रसिद्ध पर्यटनस्थलों में से एक बिहार के बोधगया के पवित्र महाबोधि मंदिर परिसर में अवस्थित महाबोधि वृक्ष की एक शाखा शनिवार को टूट कर गिर गई. गिरी हुई शाखा को सुरक्षित रख दिया गया है. महाबोधि मंदिर के केयर टेकर दीनानंद भंते ने आईएएनएस को बताया कि शनिवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे पवित्र महाबोधि वृक्ष की एक शाखा टूटकर गिर गई. उन्होंने बताया कि टूट कर गिरी हुई शाखा को मंदिर प्रबंधन समिति के मुख्य पुजारी सहित अन्य पुजारियों के समक्ष वीडियोग्राफी कराकर समिति के स्टोर रूम में सुरक्षित रख दिया गया है.
उन्होंने कहा कि जिस वक्त पवित्र महाबोधि वृक्ष की शाखा गिरी थी, वहां श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी, इसलिए इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
उल्लेखनीय है कि देहरादून वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक बोधिवृक्ष की देखरेख करते हैं. कुछ दिनों पूर्व ही वैज्ञानिकों का एक दल इस वृक्ष की देखरेख कर वापस गया था.
मान्यता है कि इसी महाबोधि वृक्ष के नीचे राजकुमार सिद्धार्थ ने कठिन तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया और महात्मा बुद्ध बन गए थे. इस पवित्र महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से लाखों लोग बोधगया आते हैं. मान्यता है कि यह वृक्ष 2650 साल पुराना है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि जिस वक्त पवित्र महाबोधि वृक्ष की शाखा गिरी थी, वहां श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी, इसलिए इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
उल्लेखनीय है कि देहरादून वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक बोधिवृक्ष की देखरेख करते हैं. कुछ दिनों पूर्व ही वैज्ञानिकों का एक दल इस वृक्ष की देखरेख कर वापस गया था.
मान्यता है कि इसी महाबोधि वृक्ष के नीचे राजकुमार सिद्धार्थ ने कठिन तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया और महात्मा बुद्ध बन गए थे. इस पवित्र महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से लाखों लोग बोधगया आते हैं. मान्यता है कि यह वृक्ष 2650 साल पुराना है.
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