Lockdown: दिल्‍ली के गुरुद्वारों में बढ़ गई भोजन करने वालों की तादाद, लेकिन दान में आई कमी

लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में लोग गुरुद्वारों में आने से वंचित हो गए हैं जिससे दान एवं चढ़ावे में भारी गिरावट आई है जो कम होकर 20 प्रतिशत तक रह गया है.

Lockdown: दिल्‍ली के गुरुद्वारों में बढ़ गई भोजन करने वालों की तादाद, लेकिन दान में आई कमी

दिल्‍ली के गुरुद्वारों में करीब 50 लाख बेघर, प्रवासी अथवा बुजुर्गों को मुफ्त में खाना खिला रहा है.

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन (Lockdown) के बीच जहां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गुरुद्वारों में भोजन करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है, वहीं गुरुद्वारों को मिलने राशन एवं दान की राशि में कमी का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इसकी जानकारी दी है.

कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रसार के कारण देश भर में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के कारण दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) गुरुद्वारों में करीब 50 लाख बेघर, प्रवासी अथवा बुजुर्गों को मुफ्त में खाना खिला रहा है.

कुछ गुरुद्वारों ने डॉक्टरों, नर्सों समेत करीब 200 स्वास्थ्यकर्मियों को आश्रय भी उपलब्ध करा रहे हैं, इसके अलावा कोरोना संक्रमित मरीजों की विभिन्न अस्पतालों में देख-रेख कर रहे हैं.

DSGMC ने 500 लोगों को लॉकडाउन के दौरान राहत कार्य के लिये तैनात किया है जिनमें खाना पकाने वाले, चालक, सफाईकर्मी आदि शामिल हैं.

DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, ''इससे पहले दिल्ली के गुरद्वारों में 40 लाख रुपये का दान आता था जिससे ''लंगर'' सेवा जारी रखने में मदद मिलती थी.''

सिरसा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में लोग गुरुद्वारों में आने से वंचित हो गए हैं जिससे दान एवं चढ़ावे में भारी गिरावट आई है जो कम होकर 20 प्रतिशत तक रह गया है.

उन्होंने कहा कि कुछ दयालु लोगों के कारण लंगर सेवा जारी है, जो राशन का दान करते हैं जिसमें घी, तेल चीनी, आटा, चावल, दाल, मसाले और नमक आदि शामिल हैं.
 
उन्होंने कहा, ''लेकिन भोजन के जरूरतमंद लोगों की संख्या हर रोज बढ़ रही है और हमारे पास संसाधनों का अभाव है.''

सिरसा ने कहा कि दिल्ली कमेटी को पूरे राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न गुरद्वारों से संसाधनों की कमी के बारे में फोन आते रहते हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली कमेटी पूरी तरह दान पर निर्भर है और यह दुनिया भर के कुछ बड़े दिलवालों की ओर से मिलने वाली मदद है जिस वजह से दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपनी सेवाओं को जारी रखा हुआ है.

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सिरसा ने कहा कि कुछ लोगों ने गुप्त दान दिया है. एक जोड़े ने अपने विवाह की 50 वीं वर्षगांठ पर कमेटी को दो लाख 50 हजार का दान दिया है.
 
उन्होंने बताया कि करीब 20 ट्रक राशन गुरुद्वारों में गुप्त रूप से दान में आता है. उन्होंने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से रहने वाले और विभिन्न समुदायों के लोग राशन और नकदी दान देते हैं.
 
हाल ही एक संगठन ने 51 लाख रुपये DSGMC को दान में दिए.