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अहोई माता की पूजा इन चीजों के बगैर है अधूरी, जानिए अहोई अष्टमी की पूजा थाली में क्या शामिल करना है जरूरी

अहोई अष्टमी के दिन माताएं व्रत रखकर अपनी संतान के लिए लंबी उम्र और सेहत का वरदान मांगती हैं. अहोई माता की पूजा की थाली में कुछ खास चीजों को शामिल करना जरूरी है.

अहोई माता की पूजा इन चीजों के बगैर है अधूरी, जानिए अहोई अष्टमी की पूजा थाली में क्या शामिल करना है जरूरी
Ahoi Ashtami puja : अहोई अष्टमी की पूजा में क्या क्या शामिल करें.

Things in puja thali of Ahoi Ashtami : कार्तिक माह में कूष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) मनाई जाती है. इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन माताएं व्रत रखकर अपनी संतान के लिए लंबी उम्र और अच्छे सेहत की कामना में माता अहोई की पूजा करती हैं. महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखकर रात्रि के समय तारे निकलने पर विधि विधान से अहोई माता की पूजा (Ahoi Ashtami puja) करती हैं. अहोई माता की पूजा की थाली (Puja thali of Ahoi Ashtami) में कुछ खास चीजों को शामिल करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं अहोई माता की पूजा की थाली में क्या क्या रखना होता है जरूरी.

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अहोई अष्टमी की पूजा थाली

अहोई अष्टमी में अहोई माता की पूजा थाली में कुछ सामग्री रखना बहुत जरूरी होता है. इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. सबसे पहले तो पूजा के लिए अहोई माता की तस्वीर और व्रत कथा की किताब होनी चाहिए. इसके अलावा पानी से भरा लोटा या कलश, गंगाजल, फूल, धूपबत्ती, गाय का घी, रोली, कलावा, अक्षत, सूखा आटा, गाय का दूध और करवा की जरूरत होती है.

श्रृंगार का सामान

अहोई अष्टमी की पूजा थाली में श्रृंगार सामग्री भी जरूर रखना चाहिए. इसमें लाल चुनरी, बिंदी, सिंदूर, काजल, लाली, चूड़ी, रोली और आलता शामिल करना चाहिए. पूजा के समय ये सारा सामान अहोई माता को चढ़ाना चाहिए. बाद में किसी पंडित को दान कर सकते हैं या सास को दिया जा सकता है. इस सामान को मंदिर में माता पार्वती को भी अर्पित किया जा सकता है.

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भोग के लिए फल और मिठाई

अहोई अष्टमी की पूजा थाली में देवी के भोग के लिए फल और मिठाई भी जरूर रखें. इसके लिए मौसम के अनुसार मिलने वाले पांच प्रकार के फल और घर में बनी मिठाई को थाली में शामिल कर सकते हैं. व्रत करने वाली महिलाओं का अहोई अष्टमी के दिन दूध और दही का हाथ नहीं लगाना चाहिए. इस लिए भोग के लिए गुलगुले या सूजी का हलवा शामिल करना चाहिए. बगैर लहसुन प्याज के बनी पूड़ी और सब्जी से भी भोग लगाया जा सकता है.

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