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पुणे:
लैंगिक भेदभाव के विरोध में गणतंत्र दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित प्रसिद्ध शनि शिंगनापुर मंदिर के गर्भगृह में लगभग 400 महिलाएं प्रवेश करेंगी। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ इस अभियान का संचालन पुणे की भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की महिलाएं करेंगी।
भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने आज कहा, "संगठन के तकरीबन 400 सदस्यों ने 26 जनवरी को प्रतिबंध का उल्लंघन करने की योजना बनाई है। हम महसूस करते हैं कि यह लैंगिक असमानता का प्रतीक है जिसे 21 वीं सदी में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’
गौरतलब है कि 20 दिसंबर को शनि शिंगनापुर मंदिर में रणरागिनी ब्रिगेड की चार महिलाएं करीब से शनिदेव की पूजा करना चाहती थीं लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। बाद में ब्रिगेड की महिलाओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन मंदिर प्रशासन ने महिलाओं के मूर्ति पर तेल अपर्ण नहीं करने देने की परंपरा को कायम रखा।
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यह भी पढ़ें : इस शक्तिपीठ में चढ़ाए गए घी को भक्तगण खाते नहीं बल्कि शरीर में लगाते हैं
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महिला के प्रवेश के बाद किया मंदिर का शुद्धिकरण
उससे कुछ दिनों पहले एक महिला के शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश करने और शनिदेव की प्रतिमा की पूजा करने पर काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद संपूर्ण मंदिर परिसर का शुद्धिकरण भी किया गया था।
शनि शिंगणापुर मंदिर का प्रबंधन मंदिर के अंदरूनी अहाते में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देने की सदियों पुरानी परंपरा का पालन करता है। जबकि अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता और महिला संगठन लंबे समय से इसका विरोध करते रहे हैं। यह मुद्दा संसद में भी उठाया जा चुका है, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने आज कहा, "संगठन के तकरीबन 400 सदस्यों ने 26 जनवरी को प्रतिबंध का उल्लंघन करने की योजना बनाई है। हम महसूस करते हैं कि यह लैंगिक असमानता का प्रतीक है जिसे 21 वीं सदी में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’’
गौरतलब है कि 20 दिसंबर को शनि शिंगनापुर मंदिर में रणरागिनी ब्रिगेड की चार महिलाएं करीब से शनिदेव की पूजा करना चाहती थीं लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी। बाद में ब्रिगेड की महिलाओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन मंदिर प्रशासन ने महिलाओं के मूर्ति पर तेल अपर्ण नहीं करने देने की परंपरा को कायम रखा।
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महिला के प्रवेश के बाद किया मंदिर का शुद्धिकरण
उससे कुछ दिनों पहले एक महिला के शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश करने और शनिदेव की प्रतिमा की पूजा करने पर काफी हंगामा हुआ था। जिसके बाद संपूर्ण मंदिर परिसर का शुद्धिकरण भी किया गया था।
शनि शिंगणापुर मंदिर का प्रबंधन मंदिर के अंदरूनी अहाते में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देने की सदियों पुरानी परंपरा का पालन करता है। जबकि अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता और महिला संगठन लंबे समय से इसका विरोध करते रहे हैं। यह मुद्दा संसद में भी उठाया जा चुका है, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
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