सूबे के साथ-साथ देश का भी खास राजनैतिक अखाड़ा है वाराणसी संसदीय क्षेत्र (Varanasi Lok Sabha Election Results 2019). पिछले चुनाव, यानी आम चुनाव 2014 में यहां बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था, जब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुकाबला देखने को मिला था.
BJP प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को कुल 3,71,784 वोटों के भारी अंतर से हराया था. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थें. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. वहीं चौथे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी और पांचवें स्थान पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे.
इससे पहले, 2009 के लोकसभा चुनाव में BJP के मुरली मनोहर जोशी ने BSP के मुख्तार अंसारी को हराया था. 2004 के चुनाव में कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने BJP के शंकरप्रसाद जायसवाल को मात दी थी. शंकरप्रसाद 1996, 1998 और 1999 में इस सीट से सांसद चुने गए थे.
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में वाराणसी का अलग ही महत्व रहा है. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, कांग्रेस के दिग्गज कमलापति त्रिपाठी, दिवंगत प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री और केंद्रीय मंत्री रहे BJP के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व वरिष्ठतम नेताओं में से एक मुरली मनोहर जोशी भी यहां से सांसद रह चुके हैं. वर्ष 1957 और 1962 में कांग्रेस के रघुनाथ सिंह इस सीट से जीते थे, लेकिन 1967 में CPM के सत्यनारायण सिंह ने यहां कब्ज़ा कर लिया. उसके बाद 1971 में कांग्रेस ने राजाराम शास्त्री के ज़रिये इस सीट पर फिर कब्ज़ा जमाया, लेकिन 1977 में एमरजेंसी के चलते कांग्रेस-विरोधी लहर में भारतीय लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़े चंद्रशेखर वाराणसी के सांसद बने.
1980 में कांग्रेस की वापसी हुई, और कमलापति त्रिपाठी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, और फिर 1984 में भी कांग्रेस के ही श्यामलाल यादव ने वाराणसी से जीत हासिल की. 1989 में जनता दल की टिकट से अनिल शास्त्री सांसद बने, और फिर 1991 से चार चुनाव तक यहां BJP का दबदबा बना रहा, और 1991 में श्रीश चंद्र दीक्षित के बाद 1996, 1998 और 1999 में शंकर प्रसाद जायसवाल ने जीत दर्ज की.
2004 के आम चुनाव में एक बार फिर यहां कांग्रेस की वापसी हुई, और राजेश मिश्र ने चुनाव जीता, लेकिन अगले ही चुनाव में 2009 में BJP के दिग्गज मुरली मनोहर जोशी ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया. अगले चुनाव, यानी 2014 के आम चुनाव में सीट पर BJP ने अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को टिकट दिया, जो भारी अंतर से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे.
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