एमडीएमके प्रमुख वाइको ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के दौरे के खिलाफ आज राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर उन्हें और उनकी पार्टी के करीब 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
प्रदर्शनकारियों के एक धड़े ने संसद मार्ग पर यहां श्रीलंका का राष्ट्रीय झंडा और राजपक्षे की तस्वीरें भी जलाईं। एनडीए के घटक दल एमडीएमके के नेता वाइको ने समर्थकों से कहा कि राजपक्षे की मौजूदगी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की 'पवित्रता नष्ट' कर देगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजपक्षे ने श्रीलंका में तमिलों का नरसंहार किया है।
वाइको ने कहा, 'हमने अपने भाइयों और बहनों को खोया है। उनकी (श्रीलंकाई तमिलों) बर्बरता से हत्या की गई। उन्हें (राजपक्षे) क्यों बुलाया जाना चाहिए?' उन्होंने एनडीए से अपील की कि श्रीलंकाई मुद्दे पर यूपीए सरकार के रास्ते पर नहीं चला जाए। उन्होंने कहा, 'मुझे आशा है कि नरेंद्र मोदी जी और उनकी सरकार यूपीए सरकार की मदद से श्रीलंकाई सरकार द्वारा किए गए अपराध और हमारे मन के दर्द को समझेगी।'
हालांकि वाइको ने कहा कि वह राजग सरकार के खिलाफ नहीं हैं और उन्होंने आज प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'हम यहां शपथ ग्रहण समारोह का विरोध करने नहीं आए हैं.. हम मोदी जी को इस देश को नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए अपनी बधाई देते हैं।'
इसके बाद वाइको को उनके समर्थकों के साथ निषेधाज्ञा के उल्लंघन पर हिरासत में ले लिया गया। एमडीएमके प्रमुख वाइको ने मोदी को एक पत्र लिखकर आयोजन के लिए राजपक्षे को आमंत्रित किये जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
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