वाराणसी में चुनाव आयोग के खिलाफ धरने पर बैठे बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि सुरक्षा के नाम पर नरेंद्र मोदी की रैली को इजाजत नहीं दिया जाना गलत है और चुनाव अधिकारी की इस गलती को दुरुस्त न करके चुनाव आयोग ने भी कमजोरी का परिचय दिया है।
इससे पहले, जेटली ने अपने ब्लॉग पर लिखा, निर्वाचन आयोग के प्रति अपनी निराशा को मैं छुपा नहीं सकता हूं। संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को निडर होना चाहिए। डरपोक व्यक्ति उच्च संस्थाओं को बौना बना सकते हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि मतदान के हाल के चरण के दौरान हुई कथित बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं रोकने के मामलों में साफ दिखा कि हालात पर उसकी पकड़ नहीं है।
जेटली ने कहा, निर्वाचन आयोग पूरा समय हम पर (भाजपा) नजर रखता है। वह चुनाव के दौरान छोटी-मोटी घटनाओं से निपटने में भी अत्यंत सतर्क रहता है। वह इस बात को लेकर चिंतित है कि कौन किस विशेषण इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन जब बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं रोकने की बात आती है, जो एक दशक के बाद 2014 के चुनाव में फिर से सामने आई हैं तो उसकी हालात पर पकड़ नहीं रहती।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाराणसी शहर में वहां के निर्वाचन अधिकारी के ‘मोदी की रैली नहीं होने देने’ के रुख को नजरअंदाज करके आयोग ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा उम्मीदवार को उसके निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करने के उसके अधिकार से वंचित करने के लिए सुरक्षा के कार्ड का इस्तेमाल किया है।
(इनपुट भाषा से भी)
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