लोकसभा चुनावों के बाद यूपीए के सत्ता में बने रहने का विश्वास जताते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज कहा कि अगर केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत से पीछे रह जाती है तो वह तीसरे मोर्चे के साथ मिलकर सरकार बनाने के विचार के खिलाफ नहीं हैं।
पवार ने कहा, 'अभी तक तीसरा मोर्चा नहीं है। इस तरह की स्थितियां चुनावों के बाद आती हैं और फिर कुछ व्यावहारिक विकल्प उभरते हैं।' यह पूछने पर कि क्या इस वक्त उन्हें इस तरह का विकल्प उभरते दिख रहा है तो उन्होंने कहा, 'अभी नहीं। मैं आपको स्पष्ट बता दूं कि अभी तक मैं दूसरे राज्यों में नहीं गया। मैं 24 अप्रैल के बाद जा सकूंगा (जब महाराष्ट्र में अंतिम चरण का मतदान खत्म होगा)।'
पवार ने कहा, 'यही कारण है कि मैंने अच्छी तरह से आंकलन (स्थिति का) नहीं किया है.. अपनी खुद की जिम्मेदारियों के कारण मुझे दूसरे दलों के नेताओं से बात करने का अवसर नहीं मिला।' बहरहाल उन्होंने कहा कि कांग्रेस से विचार-विमर्श के बाद ही तीसरे मोर्चे पर निर्णय किया जाएगा।
74 वर्षीय एनसीपी नेता ने कहा, 'निश्चित रूप से। आप देखिए कि इस तरह के निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिए जाते। हम कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करेंगे। जरूरत पड़ने पर सामूहिक प्रयास (तीसरे मोर्चे की तरफ से) होने चाहिए।' एक सवाल के जवाब में कि क्या इस तरह के प्रयास चुनावों से पहले होंगे तो पवार ने कहा, 'नहीं, नहीं। चुनावों के बाद और मतगणना से पहले पर्याप्त समय होगा। 24 अप्रैल से 16 मई तक का पर्याप्त वक्त है।'
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