राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'राजनीतिक लड़ाई में अपनी तटस्थता' दिखाने के लिए लोकसभा चुनावों में मतदान नहीं करने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति ने डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं और ऐसा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष बनने जा रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों की परंपरा का पालन करते हुए अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया।
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजमणि ने शुक्रवार को कहा, राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में अपनी तटस्थता दिखाने के लिए राष्ट्रपति ने अपना वोट नहीं देने का फैसला किया है। देश के 14वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दक्षिण कोलकाता लोकसभा सीट के चुनाव में मतदान करने के लिए डाक मतपत्र मंगाया था। इस सीट पर 12 मई को चुनाव होगा।
राष्ट्रपति दक्षिण कोलकाता लोकसभा क्षेत्र के 160 रासबिहारी इलाके के पंजीकृत मतदाता हैं। राजमणि ने कहा कि यह फैसला परंपरा को बरकरार रखने के लिए लिया गया, क्योंकि उनके (राष्ट्रपति) अधिकतर पूर्ववर्तियों ने ऐसा ही किया था।
दक्षिण कोलकाता सीट पर कांग्रेस की माला रॉय, भाजपा उम्मीदवार एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथागत रॉय, तृणमूल कांग्रेस के निवर्तमान सांसद सुब्रत बक्शी और माकपा उम्मीदवार नंदिनी मुखर्जी के बीच बहुकोणीय मुकाबला है।
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