
सहयोगी पार्टी 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी' (राकांपा) की महाराष्ट्र में गठबंधन से अलग होने की घोषणा से नाराज कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि शरद पवार की पार्टी का यह निर्णय 'पूर्वनिर्धारित' था।
कांग्रेस महासचिव एवं महाराष्ट्र के पार्टी मामलों के प्रभारी मोहन प्रकाश ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी महाराष्ट्र चुनाव लड़ने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने का विकल्प तलाश रही है।
प्रकाश ने कहा, 'कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को हमेशा ही एकसाथ रखने का प्रयास किया है। हमारी ओर से हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रयास किया कि गठबंधन जारी रहे और कभी भी संवाद की कमी ना हो।'
उन्होंने कहा, 'यद्यपि ऐसा प्रतीत होता है कि यह पूर्वनिर्धारित था।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अभी प्रयास यह रहेगा कि वह चुनाव धर्मनिरपेक्ष ताकतों को साथ लाकर लड़ें और महाराष्ट्र के विकास और गौरव को आगे बढ़ाएं।
प्रकाश की यह टिप्पणी राकांपा की ओर से महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ 15 वर्ष पुराना गठबंधन तोड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय घोषित करने के बाद आया है। राकांपा ने इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस नीत सरकार से समर्थन वापस लेने का भी निर्णय किया।
समाजवादी पार्टी और कुछ और छोटी पार्टियां भी महाराष्ट्र में चुनाव लड़ती हैं। सपा और जदयू के बीच नजदीकी बढ़ने के बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव यहां विधानसभा चुनाव के लिए किसी धर्मनिरपेक्ष गठबंधन के लिए आज मुम्बई में हैं।
कांग्रेस बिहार में जदयू सरकार को समर्थन कर रही है। यद्यपि इन दलों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन ऐसी संभावना है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में इनसे समर्थन मिल जाए।
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