जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने गुरुवार को आज राज्यसभा के निवर्तमान सदस्य शिवानंद तिवारी और लोकसभा के चार सदस्यों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया। लोकसभा के जिन सदस्यों को निष्कासित किया गया है, वे हैं - जयनारायण निषाद, पूर्णमासी राम, सुशील कुमार सिंह और मंगनी लाल मंडल।
निषाद बिहार के मुजफ्फरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे, जबकि पूर्णमासी राम गोपालगंज से, मंगनी लाल मंडल झंझारपुर से तथा सुशील कुमार सिंह औरगाबाद से चुनकर आए थे। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी द्वारा जारी निष्कासन के पत्र में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने इन्हें निष्कासित किया है, लेकिन निष्कासन के कारणों का उललेख नहीं किया गया। निषाद, राम और मंडल को पार्टी ने पहले निलंबित किया था।
मंडल और सुशील सिंह के साथ साथ पार्टी के एक अन्य सांसद राजीव रंजन सिंह ललन के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई भी शुरू हुई थी. लेकिन पार्टी ने इस कार्यवाही को पिछले साल जुलाई में वापस ले लिया था। पिछले दिनों हुए राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनाव में जेडीयू ने शिवानंद तिवारी को फिर से टिकट नहीं दिया। हाल के कुछ दिनों से तिवारी का नीतीश कुमार सरकार के कामकाज के प्रति आलोचनात्मक रुख रहा है।
शिवानंद तिवारी ने बागी तेवर अपनाते हुए हाल ही में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में हुई तथाकथित फूट के लिए पार्टी नेता तथा राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था। शिवानंद तिवारी का यह बयान इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह पहला ऐसा मौका था, जब आरजेडी में फूट के मसले पर पार्टी के ही किसी नेता ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोला हो।
दरअसल, इससे पहले, सिर्फ विपक्ष ही नीतीश कुमार पर आरोप मढ़ रहा था। शिवानंद तिवारी ने कहा था कि आरजेडी में फूट के असली सूत्रधार नीतीश कुमार हैं। तिवारी के अनुसार, सब कुछ नीतीश की जानकारी में हुआ, लेकिन पत्रकारों ने जब इस बारे में सवाल किया तो वह मासूमियत के साथ टाल गए।
गौरतलब है कि पिछले दिनों आरजेडी में फूट की ख़बरें आई थीं, जब 13 विधायक बागी हो गए थे, लेकिन अगले ही दिन उनमें से नौ पार्टी में लौट आए। इसे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के डैमेज कंट्रोल की कामयाबी माना गया। उन्होंने भी स्पष्ट रूप से उनकी पार्टी में तोड़फोड़ के लिए सीधे नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था।
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