
दिल्ली में सरकार कौन बनाएगा? कौन सी पार्टी राजधानी पर राज करेगी? ये तमाम सवाल ऐसे हैं, जिनके बारे में सिर्फ पार्टियों, आम लोगों में ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और दिल्ली के तमाम महकमों में भी चर्चा चल रही है।
जाहिर है कि इस बार के चुनाव कई मायनों में खास हैं, इसलिए चर्चा होना भी लाजिमी है। सुप्रीम कोर्ट में पहले केस के बारे में चर्चा होती थी, लेकिन अब माहौल काउंटिंग का है। कौन सी पार्टी, कहां से लीड ले रही है यहं इसी पर चर्चा हो रही है। किसी पार्टी का कौन उम्मीदवार हार रहा है, कौन सा जीत रहा है, इन बातों पर भी चर्चा चल रही हैं।
ओखला में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने कहा, अरे इस बार माहौल दो दिनों में बदल गया। कांग्रेस के मोहम्मद आसिफ कभी चुनाव नहीं हारे, लेकिन इस बार हवा कुछ और दिख रही है। वहीं एक दूसरे वकील बताने लगे, हमारे यहां भी इस बार लगता है कि भारी उलटफेर हो रहा है।
बात सिर्फ कोर्ट की नहीं, सुप्रीम कोर्ट में तैनात दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर भी इस चर्चा में शामिल हो गए। बताने लगे कि किसी तरह एक्जिट पोल होते हैं और आखिरी में नतीजा क्या हो सकता है।
जाहिर है उनकी राय कुछ अलग है, लेकिन चुनावी माहौल ने सारे महकमों को अपने रंग में ले लिया है। दिल्ली के एक बड़े पुलिस अफसर को फोन किया तो सबसे पहला सवाल सुनने को मिला, किसकी सरकार बनवा रहे हो? हमने भी जवाब दे डाला, बस घड़ी भर का इंतजार करो जनाब!
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