लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आज शाम हुई कांग्रेस संसदीय दल की पहली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दोबारा संसदीय दल का अध्यक्ष चुन लिया गया।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका मोहसिना किदवई सहित सभी दूसरे नेताओं ने समर्थन किया। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) के प्रस्ताव में कांग्रेस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेत्तृव में पार्टी को दोबारा संगठित और पुनर्जीवित करने का संकल्प जताया।
सीपीपी ने मनमोहन सिंह द्वारा पिछले एक दशक के दौरान प्रदान किए गए विवेकपूर्ण और गरिमामय नेतृत्व की सराहना की। इसके सीपीपी ने उम्मीद जताई कि सभी प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष ताकतें संसद में एक संयुक्त विपक्ष पेश करने के लिए प्रभावी समन्वय स्थापित करेंगे।
वहीं सोनिया ने बैठक में कहा कि कांग्रेस इस बार चुनाव हार गई है, लेकिन यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी हारने के बाद हम जीत कर आए हैं। उन्होंने पार्टी को फिर से चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए सांसदों से सार्वजनिक बयानबाजी के बजाय पार्टी की ताकत और कमियों के बारे में अपनी राय देने को कहा।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बारे में सोनिया ने कहा कि इस अभूतपूर्व धक्के से हमें व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उचित सबक लेने होंगे। उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर व्याप्त गुस्से को समझने में नाकाम रही। उसे यह समझना होगा कि ऐसा क्यों हुआ और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।
इसके साथ ही सोनिया ने कहा कि विपक्ष होने का मतलब और अधिक प्रश्न करना, और अधिक मुद्दे उठाना और अधिक चर्चाएं शुरू करना तथा हमेशा जागरूक प्रहरी बने रहना है।
गौरतलब है कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 44 सीटें ही जीत पाई।
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