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This Article is From May 07, 2014

भाजपा ने गिनाए वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी के पक्षपाती होने के कारण, हटाने की मांग की

नई दिल्ली:

वाराणसी शहर में नरेंद्र मोदी को 8 मई को बेनियाबाग में सभा करने की अनुमति नहीं दिए जाने से नाराज़ भाजपा ने वहां के निर्वाचन अधिकारी को 'अत्यधिक पक्षपाती और प्रचार में बाधा' बताते हुए चुनाव आयोग से उन्हें तुरंत हटाने की मांग की है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस संबंध में चुनाव आयोग को बुधवार को लिखे पत्र में कहा कि 'वाराणसी संसदीय क्षेत्र' के निर्वाचन अधिकारी प्रांजल यादव इतने अधिक पक्षपाती हैं कि अगर वह अपने पद पर बने रहे तो इस संसदीय क्षेत्र में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराना संभव नहीं होगा।

उन्होंने कहा, 'वह (यादव) अत्यधिक पक्षपाती एवं प्रचार में बाधा हैं। आयोग से आग्रह है कि वह मामले की जांच कराए और उन्हें ऐसे निर्वाचन अधिकारी से बदले जो आयोग की निगाह में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हो।'

उल्लेखनीय है कि वाराणसी सीट से भाजपा के प्रत्याशी मोदी की कल गुरुवार को शहर के बेनियाबाग और रोहनिया में चुनावी सभाएं होनी थीं, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने 'सुरक्षा' तथा 'बेनियाबाग के पहले से बुक होने' के नाम पर वहां भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को सभा की अनुमति नहीं दी।

जेटली ने अपनी शिकायत में आयोग से कहा कि यादव के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि बेनियाबाग को 'किसी एनजीओ के किसी खान' ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए पहले ही बुक करा लिया है इसलिए उसे मोदी की सभा के लिए नहीं दिया जा सकता है।

भाजपा नेता ने इसे 'हास्यास्पद' बताने के साथ दावा किया कि इस 'मिस्टर खान ने वह स्थल बुक कराने के लिए कोई रकम जमा नहीं कराई है जो नियमानुसार जरूरी है। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उसके आवेदन पर लिख दिया कि वह खान को रकम जमा कराने से छूट देते हैं।'

जेटली ने कहा कि बाद में यादव ने तर्क दिया कि खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट है कि वह स्थल मोदी की सभा के लिए सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे साबित हो जाता है कि 'निर्वाचन अधिकारी का एकमात्र उद्देश्य मोदी को वाराणसी शहर में सभा करने से रोकना है।' मोदी की 8 मई को ही अन्य रैली रोहनिया में होनी है, जो शहर से काफी दूर है। वाराणसी लोकसभा सीट के लिए 12 मई को मतदान होगा।

जेटली ने यादव पर भाजपा से भेद-भाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मतदाताओं को बांटी जाने वाली बहुत सारी वोटर स्लिप वापस ले ली हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मोदी के प्रचार में पर्चे बांटने वाले 27 भाजपा कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के उल्लंघन में आरोप में धारा 144 और 188 के तहत गिरफ्तार किया गया।

भाजपा नेता ने कहा कि इन धाराओं के तहत गिरफ्तार लोगों को कुछ देर बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन इस मामले में उन लोगों को ढाई दिन बाद और वह भी प्रत्येक से ढाई लाख के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर छोड़ा गया।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने वाराणसी प्रशासन के इस निर्णय को 'पूर्णत: अस्वीकार्य' बताते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एक उम्मीदवार को उसके चुनाव क्षेत्र में रैली करने से मना किया गया है।

सीतारमण ने आरोप लगाया, 'सपा और जिला प्रशासन के बीच अलिखित समझौता है। अन्यथा, प्रशासन एक उम्मीदवार को उसके ही चुनाव क्षेत्र में रैली करने से कैसे रोक सकता है? वह अलिखित आदेश का पालन कर रहा है।'

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