सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में सीलिंग पर फैसले को लेकर नई तारीख का ऐलान किया है. कोर्ट इस पूरे मामले में 11 जुलाई को सुनवाई कर सकती है. गौरतलब है कि दिल्ली में जो 351 सड़कें व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नोटिफाई होने की प्रक्रिया में हैं, अब उन 351 सड़कों पर अगली सुनवाई तक सीलिंग नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने कोर्ट की बेंच के सामने मांग की कि MCD सीलिंग का काम नहीं कर रही है जबकि ये 351 सड़कें अभी तक व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नोटिफाई नहीं हुई है.
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लिहाजा एमसीडी/MCD को सीलिंग जारी रखने का आदेश दिया जाए. लेकिन गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि सीलिंग का मामला दूसरे जजों की बेंच सुन रही है जिस पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है. इसलिए मॉनिटरिंग कमेटी अपने अर्ज़ी या अपनी माँग सीलिंग का मामला सुन रही जजों की बेंच के सामने 11 जुलाई को रखें. यानी इसका मतलब यह है कि इस दौरान MCD इस दौरान कोई सीलिंग नहीं करेगा. गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग को लिए विशेष आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर मास्टर प्लान 2021 के आदेश में संशोधन करने से इन्कार कर दिया था.
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केंद्र को मास्टर प्लान में संशोधन के लिए जनता से आपत्ति मांगनी होगी. दरअसल केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि डीडीए पहले ही लोगों से आपत्तियां ले चुका है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट उस आदेश में संशोधन करे जिसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर आपत्तियां मंगवाए. 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन पर नोटिफिकेशन पर लगी रोक के आदेश में संशोधन किया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सरकार को फिलहाल मास्टर प्लान में संशोधन के लिए आगे बढ़ने की इजाजत दी थी.
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6 मार्च को लगाई गई रोक के फैसले में संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मास्टर प्लान के संशोधन के लिए 15 दिनों के भीतर जनता से आपत्तियां मांगने को कहा था. इसके लिये सभी बड़े अखबारों में दस दिन के भीतर तीन दिन लगातार आपत्तियों के लिए विज्ञापन देने को कहा गया.
VIDEO: सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग पर लगाई रोक.
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को अवैध निर्माण की शिकायत के लिए प्रस्तावित मोबाइल एप को 15 दिनों के भीतर लांच करने को कहा था.
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लिहाजा एमसीडी/MCD को सीलिंग जारी रखने का आदेश दिया जाए. लेकिन गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि सीलिंग का मामला दूसरे जजों की बेंच सुन रही है जिस पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है. इसलिए मॉनिटरिंग कमेटी अपने अर्ज़ी या अपनी माँग सीलिंग का मामला सुन रही जजों की बेंच के सामने 11 जुलाई को रखें. यानी इसका मतलब यह है कि इस दौरान MCD इस दौरान कोई सीलिंग नहीं करेगा. गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग को लिए विशेष आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अर्जी पर मास्टर प्लान 2021 के आदेश में संशोधन करने से इन्कार कर दिया था.
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केंद्र को मास्टर प्लान में संशोधन के लिए जनता से आपत्ति मांगनी होगी. दरअसल केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि डीडीए पहले ही लोगों से आपत्तियां ले चुका है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट उस आदेश में संशोधन करे जिसमें कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर आपत्तियां मंगवाए. 15 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में संशोधन पर नोटिफिकेशन पर लगी रोक के आदेश में संशोधन किया था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सरकार को फिलहाल मास्टर प्लान में संशोधन के लिए आगे बढ़ने की इजाजत दी थी.
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6 मार्च को लगाई गई रोक के फैसले में संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मास्टर प्लान के संशोधन के लिए 15 दिनों के भीतर जनता से आपत्तियां मांगने को कहा था. इसके लिये सभी बड़े अखबारों में दस दिन के भीतर तीन दिन लगातार आपत्तियों के लिए विज्ञापन देने को कहा गया.
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सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को अवैध निर्माण की शिकायत के लिए प्रस्तावित मोबाइल एप को 15 दिनों के भीतर लांच करने को कहा था.
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