दिल्ली सरकार रविवार को ऐलान किया कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले अस्पताल और दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज होगा. कोराना संकट में लिया गया यह फैसला, चर्चा का सबब बन गया. इसको लेकर लोगों के अपने-अपने मत हैं. कुछ लोग इस फैसले को गलत करार दे रहे हैं तो वहीं कुछ इसे सही भी ठहरा रहे हैं. इन सबके बीच NDTV ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से जाने से दिल्ली के ताजा हालात और इस फैसले के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की. सत्येंद्र जैन से पूछा गया कि पूरे देश से लोग दिल्ली में इलाज के लिए आते हैं, यहां तक कि खुद सीएम केजरीवाल भी इलाज के लिए बाहर जाते हैं तो ऐसे में इस आदेश के पीछे क्या कारण हैं. जवाब में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में रोजाना 1000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं, तो दिल्ली के लोगों को इलाज कराने के लिए जगह की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आसपास के राज्य तो कह रहे हैं कि उनके यहां कोरोना है ही नहीं. तो ऐसे में इस पर सवाल ही नहीं उठना चाहिए.
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए चार्जेस का शेड्यूल तैयार करने के लिए कहा है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जो लोग प्राइवेट अस्तपाल जा इलाज के लिए जा रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि अस्पताल में कितने चार्ज लगेंगे और कैसे लगेंगे. यह पूछे जाने पर क्या मुंबई की तरह दिल्ली में भी कोरोना के इलाज के रेट फिक्स होंगे, उस पर उन्होंने कहा कि हम अभी चार्जेस की डिटेल इकट्ठी कर रहे हैं, स्टडी के बाद देखते हैं कि क्या करना है.
निजी अस्पतालों की चिंता का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया गया कि प्राइवेट अस्पतालों को डर है कि कहीं मिक्स होकर उनके अस्पताल में संक्रमण फैल न जाए. उस पर दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा कि छोटे अस्पतालों को हमने इस आदेश में से हटा दिया था, अब कम से कम 70 बेड वाले अस्पतालों को इसके अंदर रखा है. शुरू में अस्पतालों को हिचक थी उनको लगता था कि हम इलाज नहीं कर पाएंगे लेकिन अब कई सारे अस्पताल कह रहे हैं कि हम इसका इलाज करेंगे. वहीं प्राइवेट अस्पतालों में नर्सिंग ऑफिसर की तैनाती के आदेश पर उन्होंने कहा कि यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि लोगों को एडमिट करने में दिक्कतें आ रही हैं. नर्सिंग ऑफिसर यह सुनिश्चित करेंगे कि मरीज एडमिशन दिया जाना है या नहीं. बेड खाली है या नहीं, इसकी जानकारी भी एकत्र करेंगे.
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि अभी 14 से 15 दिन के अंदर मामले डबल हो रहे हैं. तो इसी हिसाब से अगले 14 से 15 दिन में दिल्ली में करीब 56,000 मामले हो जाएंगे. अभी हमारे पास साढ़े आठ से नौ हजार बेड हैं. लेकिन हमारा लक्ष्य है कि अगले 15 दिन में 15,000 से 17,000 बेड की व्यवस्था हो जाए.
Video: दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में तैनात होंगे नर्सिंग अफसर
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