DUSU Election 2018: नए अध्यक्ष अंकिव बसोया पर फर्जी डिग्री का सहारा लेने का आरोप लगा है.
नई दिल्ली:
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव (DUSU Election 2018) में अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य अंकिव बसोया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने अंकिव बसोया पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया. बहरहाल, एबीवीपी ने कहा कि बसोया की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद ही यूनिवर्सिटी ने उन्हें दाखिला दिया था. एनएसयूआई ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की ओर से भेजा गया एक पत्र जारी किया. एनएसयूआई की ओर से मांगी गई जानकारी पर तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने यह पत्र भेजा था. कांग्रेस के छात्र संगठन ने कहा कि बसोया की ओर से सौंपा गया बी.ए का प्रमाण-पत्र ‘‘फर्जी’’ है. एनएसयूआई ने कहा कि एम.ए (बौद्ध अध्ययन) में दाखिले के लिए बसोया की ओर से एक मार्कशीट पेश की गई थी, लेकिन तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने ऐसे किसी नाम के छात्र को दाखिला देने की बात से इनकार कर दिया.
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यूनिवर्सिटी ने कहा कि उस सीरियल नंबर की मार्कशीट उनके रिकॉर्ड में नहीं है. एक बयान में एबीवीपी ने एनएसयूआई के आरोप को ‘दुष्प्रचार’ करार दिया. एबीवीपी ने कहा, ‘‘दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अंकिव बसोया को दाखिला दिया. यह दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया है. आज भी डीयू को यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत किसी भी छात्र के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का अधिकार है, लेकिन किसी व्यक्ति को प्रमाण-पत्र देना एनएसयूआई का काम नहीं है’’. आरएसएस के छात्र संगठन ने कहा, ‘‘डीयू को न सिर्फ अंकिव बल्कि डूसू के सभी पदाधिकारियों के दस्तावेज की जांच का अधिकार है ताकि भविष्य में अफवाहों पर लगाम लग सके’’. पिछले हफ्ते संपन्न हुए डूसू के चुनाव में एबीवीपी को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत मिली थी जबकि एनएसयूआई ने सचिव पद पर जीत हासिल की थी.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यूनिवर्सिटी ने कहा कि उस सीरियल नंबर की मार्कशीट उनके रिकॉर्ड में नहीं है. एक बयान में एबीवीपी ने एनएसयूआई के आरोप को ‘दुष्प्रचार’ करार दिया. एबीवीपी ने कहा, ‘‘दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अंकिव बसोया को दाखिला दिया. यह दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया है. आज भी डीयू को यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत किसी भी छात्र के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का अधिकार है, लेकिन किसी व्यक्ति को प्रमाण-पत्र देना एनएसयूआई का काम नहीं है’’. आरएसएस के छात्र संगठन ने कहा, ‘‘डीयू को न सिर्फ अंकिव बल्कि डूसू के सभी पदाधिकारियों के दस्तावेज की जांच का अधिकार है ताकि भविष्य में अफवाहों पर लगाम लग सके’’. पिछले हफ्ते संपन्न हुए डूसू के चुनाव में एबीवीपी को अध्यक्ष सहित तीन पदों पर जीत मिली थी जबकि एनएसयूआई ने सचिव पद पर जीत हासिल की थी.
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