नई दिल्ली:
हममें से बहुत से लोगों ने दिल्ली के पुराने किले के बाहर झील में बोटिंग ज़रूर की होगी और कई फ़िल्मों में इस झील में बोटिंग करते हीरो हिरोइन के दृश्य भी देखे होंगे लेकिन अब ये झील पिछले 8 महीनों से सूखी पड़ी है और इसको भरने की ज़िम्मेदारी को लेकर सरकारी महकमें एक दूसरे की ज़िम्मेदारी बता रहे हैं. पुराने किले की सूखी हुई झील के बोट क्लब के सामने पानी और कोल्ड ड्रिंक बेंच रहे विजय पहले इसी बोट क्लब में बोट चलाते थे पर जब से झील सुखी है तब से इनका रोज़गार भी छिन गया है, अब बस सड़क पर पानी बेच कर झील के दुबारा गुलज़ार होने का इंतज़ार कर रहे हैं. विजय कहते हैं कि "इतनी भीड़ होती थी, 12 महीने लोग आते थे बोटिंग करने, खासकर गर्मियों कि छुट्टियों में. लेकिन पिछले 8 महीने से सब चौपट है. मजबूरी में पानी बेच कर काम चला रहा हूं. भगवान से रोज़ प्रार्थना करता हूं कि झील वापस से भर जाए."
दरअसल इस झील का निर्माण लगभग 1540 ई. में पुराने किले के बाहर दुश्मनों से बचाने के लिए किया गया था. यहां यमुना से पानी आता था. तब यमुना पुराने किले के पूर्वी द्वार के बिल्कुल नज़दीक बहती थी. लेकिन बाद में पंप लगाकर और बारिश के पानी से झील को भरा जाता था. राष्ट्रीय विरासत ट्रस्ट के प्रमुख सचिव मनु भटनागर का कहना है कि "यहां यमुना से पानी आता था लेकिन दशकों में यमुना की धारा दूर चली गई है जिस वजह से पानी को कृत्रिम तरीक़े से भरना पड़ता है, ग्राउंड वाटर से भी झीलों को भरा रखना मुश्किल है. सबसे अच्छा तरीक़ा रीसाइकिल्ड पानी से झील को भरा जाए."
पुराने किले का रख रखाव ASI करता है और बोट कल्ब का रख रखाव दिल्ली पर्यटन विभाग का था, लेकिन अब कांट्रैक्ट ख़त्म हो गया है, इसलिए ज़िम्मेदारी ASI की बनती है. पर ASI भी इस पूरे मामले में बात करने से मना कर चुका है और साथ में केंद्रीय पर्यटन विभाग भी झील पर चुप्पी साधे हुए है. पर लोग अब भी इंतज़ार में हैं कि कोई विभाग तो ज़िम्मेदारी लेकर पुराने क़िले की झील का गौरव वापस दिलाएगा.
दरअसल इस झील का निर्माण लगभग 1540 ई. में पुराने किले के बाहर दुश्मनों से बचाने के लिए किया गया था. यहां यमुना से पानी आता था. तब यमुना पुराने किले के पूर्वी द्वार के बिल्कुल नज़दीक बहती थी. लेकिन बाद में पंप लगाकर और बारिश के पानी से झील को भरा जाता था. राष्ट्रीय विरासत ट्रस्ट के प्रमुख सचिव मनु भटनागर का कहना है कि "यहां यमुना से पानी आता था लेकिन दशकों में यमुना की धारा दूर चली गई है जिस वजह से पानी को कृत्रिम तरीक़े से भरना पड़ता है, ग्राउंड वाटर से भी झीलों को भरा रखना मुश्किल है. सबसे अच्छा तरीक़ा रीसाइकिल्ड पानी से झील को भरा जाए."
पुराने किले का रख रखाव ASI करता है और बोट कल्ब का रख रखाव दिल्ली पर्यटन विभाग का था, लेकिन अब कांट्रैक्ट ख़त्म हो गया है, इसलिए ज़िम्मेदारी ASI की बनती है. पर ASI भी इस पूरे मामले में बात करने से मना कर चुका है और साथ में केंद्रीय पर्यटन विभाग भी झील पर चुप्पी साधे हुए है. पर लोग अब भी इंतज़ार में हैं कि कोई विभाग तो ज़िम्मेदारी लेकर पुराने क़िले की झील का गौरव वापस दिलाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं