दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार जानबूझकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'स्वच्छ भारत' मिशन को बाधित करने के लिए टॉयलेटों के निर्माण में देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार मोहल्ला क्लिनिकों के लिए भूमि आवंटन के विषय पर दिल्ली के उपराज्यपाल एवं डीडीए पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है. इसकी बजाय अगर 'आप' सरकार शौचालयों के निर्माण के लिए मिले प्लॉटों पर शौचालय निर्माण पर ध्यान दे तो बेहतर होगा.
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मनोज तिवारी ने कहा कि पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में मोहल्ला क्लीनिक के बारे में काफी 'ड्रामेबाजी' की, जिसके बाद हमने इस बारे में जानकारी प्राप्त करके रिपोर्ट देने को कहा. हमारी टीम द्वारा किए गए अध्ययन से पता लगा है कि केजरीवाल सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते बिना कोई ठोस प्रयास किए ही डीडीए एवं उपराज्यपाल पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की टीम ने पाया कि डीडीए ने दिल्ली सरकार द्वारा जनहितकारी कार्यों के लिए भूमि मांगे जाने पर गत 15 माह में कई बार बिना किसी देरी के जमीन आवंटित की है.
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तिवारी ने कहा कि कुछ दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि डीडीए ने 12 मई, 2016 से 30 अगस्त, 2017 के बीच दिल्ली सरकार के दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेन्ट बोर्ड द्वारा मांगे जाने पर झुग्गी बस्तियों एवं शिविरों के आसपास 135 स्थानों पर शौचालय निर्माण के लिए भूमि आवंटित की है. लगभग सभी मामलों में मात्र दो दिन से लेकर एक माह के भीतर जमीन दी गई. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कुछ स्थानों पर जांच की गई जिसमें पाया गया है कि डी.यू.एस.आई.बी. को जितने शौचालय परिसर बनाने थे, उनमें से आधे ही बने हैं जो दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार स्वच्छ भारत अभियान को सफल नहीं बनाना चाहती है. (इनपुट भाषा से)
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मनोज तिवारी ने कहा कि पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में मोहल्ला क्लीनिक के बारे में काफी 'ड्रामेबाजी' की, जिसके बाद हमने इस बारे में जानकारी प्राप्त करके रिपोर्ट देने को कहा. हमारी टीम द्वारा किए गए अध्ययन से पता लगा है कि केजरीवाल सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते बिना कोई ठोस प्रयास किए ही डीडीए एवं उपराज्यपाल पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की टीम ने पाया कि डीडीए ने दिल्ली सरकार द्वारा जनहितकारी कार्यों के लिए भूमि मांगे जाने पर गत 15 माह में कई बार बिना किसी देरी के जमीन आवंटित की है.
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तिवारी ने कहा कि कुछ दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि डीडीए ने 12 मई, 2016 से 30 अगस्त, 2017 के बीच दिल्ली सरकार के दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेन्ट बोर्ड द्वारा मांगे जाने पर झुग्गी बस्तियों एवं शिविरों के आसपास 135 स्थानों पर शौचालय निर्माण के लिए भूमि आवंटित की है. लगभग सभी मामलों में मात्र दो दिन से लेकर एक माह के भीतर जमीन दी गई. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कुछ स्थानों पर जांच की गई जिसमें पाया गया है कि डी.यू.एस.आई.बी. को जितने शौचालय परिसर बनाने थे, उनमें से आधे ही बने हैं जो दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार स्वच्छ भारत अभियान को सफल नहीं बनाना चाहती है. (इनपुट भाषा से)
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