परिजनों का आरोप है कि आकाश लहूलुहान हालत में सड़क पर पड़ा रहा और पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही.
नई दिल्ली:
दिल्ली के फिरोजशाह रोड इलाके में एक्सीडेंट का शिकार एक युवक लहूलुहान हालत में सड़क पर पड़ा रहा और आरोप है कि पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही. आंसुओं से भरी पिता की आंखें अपने 19 साल के बेटे की तस्वीर को देखकर छलक उठती हैं. मां रो-रोकर कह रही है कि मेरे बच्चे को समय पर अस्पताल नहीं पहुचाया गया. मामला 11 जुलाई की रात तकरीबन साढ़े 8 बजे का है. 19 साल का आकाश काम से घर वापस लौट रहा था. दिल्ली के फिरोजशाह रोड के पास उसका घर है. फिरोज़शाह रोड पर जब वह अपने घर से चंद मिनट की दूरी पर ही था कि तभी एक स्विफ्ट गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी. इसके बाद भी गाड़ी वाला रुका नहीं. वो तकरीबन 200 मीटर तक उसे घसीटता हुआ लेकर चला गया.
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चश्मदीदों के मुताबिक गाड़ी आकाश को घसीटती हुई ले गई और स्पॉट से करीब 200 मीटर आगे मैक्स मुलर भवन के सामने पुलिस बैरिकेडिंग पर खड़े कुछ पुलिसवालों ने गाड़ी को रोका. गाड़ी के नीचे से आकाश को निकाला गया, तब तक उसमे जान थी. काफी देर तक वो तड़पता रहा. मृतक के पिता राजेन्द्र पाल सिंह के मुताबिक लोग मौजूद थे, पुलिस भी थी लेकिन पुलिस थाना विवाद में उलझी रही और लोग तमाशबीन बने रहे. आकाश ITO में एक कैंटीन में काम करता था. रोज़ शाम साढ़े 8 से 9 के बीच काम से घर वापस आ जाया करता था. हादसे की रात भी वो घर के पास पहुँच गया था, लेकिन घर नहीं पहुच सका. माता पिता को 2 दिन तक खबर भी नहीं लगी कि उनके बेटे के साथ ये हादसा हो गया है और अब वो इस दुनिया मे नहीं है.
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आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर लोगों की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े किए है. संजय सिंह ने लिखा है कि "फिरोजशाह रोड पर रहने वाला आकाश सड़क पर तड़प तड़प के मर गया पुलिस और राहगीर तमाशा देखते रहे. दुःखद और दर्दनाक हादसा दिल्ली पुलिस व जनता की संवेदनहीनता दर्शाता है". पुलिस के मुताबिक 30 सेकंड का वीडियो एक्सिडेंट के तुरन्त बाद का है. पीसीआर के आते ही आकाश को अस्पताल ले गए. जहां उसकी मौत हो गई. आरोपी ड्राईवर को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसे अगले दिन ज़मानत मिल गई है.
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