
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में संस्थान परिसर में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम की अनुशासनिक जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, जेएनयू प्रशासन ने अफजल गुरु की फांसी के विरोध में परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति रद्द कर दी थी, लेकिन इसके बाद भी कथित तौर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मुद्दे पर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने जेएनयू में प्रदर्शन कर कार्यक्रम के आयोजक छात्रों को निष्कासित करने की मांग की। जेएनयू प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम आयोजित करने की छात्रों की यह हरकत अनुशासनहीनता है और देश के विघटन की कोई भी बात 'राष्ट्रीय' नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर की अध्यक्षता वाली समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।
जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा, 'अधूरी सूचना' देकर कार्यक्रम की इजाजत मांगी गई थी। लिहाजा, यह अनुशासनहीनता है। मुख्य प्रॉक्टर की अध्यक्षता वाली समिति कार्यक्रम के फुटेज की जांच करेगी और वहां मौजूद रहे लोगों से बात करेगी। रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय उचित कार्रवाई करेगा।
'अधूरी सूचना' के बारे में बताते हुए जेएनयू के रजिस्ट्रार बी. जुत्शी ने कहा, अनुमति के लिए किए गए अनुरोध में कहीं भी यह नहीं लिखा गया था कि अफजल गुरु पर कार्यक्रम आयोजित किया जाने वाला है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। देश के विघटन के बारे में कोई बात राष्ट्रीय कैसे हो सकती है?
इस मुद्दे पर बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने जेएनयू में प्रदर्शन कर कार्यक्रम के आयोजक छात्रों को निष्कासित करने की मांग की। जेएनयू प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम आयोजित करने की छात्रों की यह हरकत अनुशासनहीनता है और देश के विघटन की कोई भी बात 'राष्ट्रीय' नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जेएनयू के मुख्य प्रॉक्टर की अध्यक्षता वाली समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।
जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा, 'अधूरी सूचना' देकर कार्यक्रम की इजाजत मांगी गई थी। लिहाजा, यह अनुशासनहीनता है। मुख्य प्रॉक्टर की अध्यक्षता वाली समिति कार्यक्रम के फुटेज की जांच करेगी और वहां मौजूद रहे लोगों से बात करेगी। रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय उचित कार्रवाई करेगा।
'अधूरी सूचना' के बारे में बताते हुए जेएनयू के रजिस्ट्रार बी. जुत्शी ने कहा, अनुमति के लिए किए गए अनुरोध में कहीं भी यह नहीं लिखा गया था कि अफजल गुरु पर कार्यक्रम आयोजित किया जाने वाला है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं। देश के विघटन के बारे में कोई बात राष्ट्रीय कैसे हो सकती है?
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