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This Article is From Jun 14, 2016

दिल्ली में 21 'आप' MLA दोहरा पाएंगे जीत? नाराज केजरीवाल बोले- पीएम मोदी काम नहीं करने देते

दिल्ली में 21 'आप' MLA दोहरा पाएंगे जीत? नाराज केजरीवाल बोले- पीएम मोदी काम नहीं करने देते
सीएम अरविंद केजरीवाल...
नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें AAP के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था।

(दिल्ली में 21 सीटों पर फिर होगा चुनाव? 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' पर केजरीवाल सरकार को झटका)

दोबारा कराया जा सकता है चुनाव
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि बिल पर राष्ट्रपति के दस्तख़त से इनकार के बाद आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं, ऐसे में सभी विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी, जिसके बाद इन 21 सीटों पर दोबारा चुनाव कराया जा सकता है।

राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
बिल को मंजूरी न मिलने के बाद आम आदमी पार्टी की आपात बैठक हुई। बैठक में बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया। इधर, ये सभी 21 विधायक आज चुनाव आयोग जाएंगे। वहीं राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में भी है।

देशभर में संसदीय सचिव बनाना वैध : संजय सिंह
इस मामले पर आज आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि केंद्र केजरीवाल सरकार की राह में रोड़ा अटका रहा है। मोदी सरकार का नारा है, ना काम करूंगा और ना करने दूंगा। दिल्ली सरकार के 17 बिलों को केंद्र सरकार ने पास नहीं होने दिया। केंद्र ने इस बिल को नामंजूर कर राष्ट्रपति के पास भेजा था। हम लोगों को समाप्त करने का मोदी सरकार ने मन बना लिया। देशभर में संसदीय सचिव बनाना वैध है तो दिल्ली में क्यों नहीं। देश के कई राज्यों में संसदीय सचिव हैं।

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट की श्रेणी में आया पद
केजरीवाल ने 2015 में दोबारा सरकार गठन के बाद अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव का पद दिया था, लेकिन वह ऑफ़िस ऑफ़ प्रॉफ़िट की श्रेणी में आ गया, जिस पर विपक्ष ने काफ़ी सवाल उठाए, जिसके बाद केजरीवाल सरकार अपने विधायकों को बचाने के लिए संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से दूर रखने के लिए एक बिल लेकर आई, जिसे कल राष्ट्रपति ने मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया।

अरविंद केजरीवाल ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी न मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि मोदी जी लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते।
 


किसी MLA को एक पैसा नहीं दिया, कोई गाड़ी, बंगला- कुछ नहीं दिया। सब MLA फ्री में काम कर रहे थे। मोदी जी कहते हैं- सब घर बैठो, कोई काम नहीं करेगा। एक विधायक को बिजली पर लगा रखा था, एक को पानी पर, एक को अस्पताल पर, एक को स्कूल पर. मोदी जी कहते हैं- न काम करूंगा न करने दूंगा। बीजेपी ने मांगा सीएम अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा
बीजेपी नेता विजेंद्र सिंह ने कहा कि पब्लिक के पैसे का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रही थी ये सरकार। 7 की जगह 28 को ऑफिस का प्रॉफिट दिलवाया। सीएम अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए।

कहां फंसा पेच?
मार्च 2015 : 21 विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति
जून 2015 : सरकार ने बिल लाकर संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से हटाया
सरकार ने संशोधित क़ानून को बैक डेट से लागू करने का प्रस्ताव किया
दिल्ली सरकार ने बिल को उपराज्यपाल के पास भेजा
उपराज्यपाल ने बिल को केंद्र और राष्ट्रपति के पास भेजा
दिल्ली सरकार के फ़ैसले को केंद्र से मंज़ूरी नहीं मिली
मार्च में की गई नियुक्तियां ग़लत नहीं तो जून में संशोधित बिल क्यों?
जून 2016: राष्ट्रपति ने इस संशोधित बिल को ख़ारिज कर दिया


AAP विधायकों की दलील
 लाभ के पद का सवाल ही नहीं है
ना सरकार से कोई ऑफ़िस मिला, ना कोई ट्रांसपोर्ट
ना कोई गैजेट, नोटबुक या पेन मिला
विधानसभा में दफ़्तर संसदीय सचिव बनने की वजह से नहीं  

बचाव में उतरी AAP सरकार
विधायकों के बचाव में दिल्ली सरकार बिल लेकर आई
जून 2015 में दिल्ली विधानसभा सदस्य (आयोग्यता निवारण संशोधन) बिल
बिल में मंत्रियों को भी संसदीय सचिव रखने की छूट
संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग किया
संसदीय सचिवों को वेतन, भत्ता नहीं मिलेगा
ज़रूरत पड़ने पर वाहन और मंत्री के ऑफिस में बैठने की जगह

अब तक किन पर गिर चुकी है गाज
सोनिया गांधी ने 2006 में विवाद के बाद अपने कई पदों से इस्तीफ़ा दिया
जया बच्चन की राज्यसभा सदस्यता रद्द की गई थी
यूपी के दो विधायकों की सदस्यता गई
2015 में बजरंग बहादुर सिंह, उमाशंकर सिंह की सदस्यता रद्द

क्या दोहरा पाएंगे जीत?
विधायक               विधानसभा क्षेत्र                जीत का अंतर        
\\\ जरनैल सिंह         रजौरी गार्डन                      10,036
\\\ जरनैल सिंह          तिलक नगर                      19890     
\\\ नरेश यादव           मेहरौली                         16951
\\\ अल्का लांबा           चांदनी चौक                     18287
\\\ प्रवीण कुमार           जंगपुरा                         20450
\\\ राजेश ऋषि           जनकपुरी                        25580
\\\ राजेश गुप्ता           वज़ीरपुर                        22044
\\\ मदन लाल          कस्तूरबा नगर                     15896
\\\ विजेंद्र गर्ग           राजेंद्र नगर                      20051
\\\ अवतार सिंह         कालका जी                      26444
\\\ शरद कुमार          नरेला                          40292
\\\ सरिता सिंह         रोहताश नगर                     7874
\\\ संजीव झा            बुराड़ी                         67950
\\\ सोमदत्त                सदर बाज़ार                34315
\\\ शिवचरण गोयल          मोती नगर                15221
\\\ अनिल कुमार वाजपेयी     गांधी नगर                7482
\\\ मनोज कुमार            कोंडली                    24759
\\\ नितिन त्यागी           लक्ष्मी नगर                4846
\\\ सुखबीर सिंह             मुंडका                   40826
\\\ कैलाश गहलोत         नज़फ़गढ़                   1555
\\\ आदर्श शास्त्री            द्वारका                   39366

 

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