दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करके सरकारी जमीन पर चलने वाले निजी स्कूलों को आदेश दिया है कि वो फीस ना बढ़ाएं. शिक्षा निदेशालय की तरफ़ से जारी आदेश में कहा गया है कि 'जब तक शिक्षा निदेशालय इन स्कूलों के खातों की जांच करके उनके फ़ीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंज़ूरी ना दे तब तक फीस ना बढ़ाए. आदेश ना मानने पर कार्रवाई होगी.' दिल्ली में सरकारी ज़मीन पर चलने वाले 394 स्कूल हैं जिनमें बड़े-बड़े नाम शामिल हैं. दिल्ली में स्कूल सातवें वेतन आयोग के तहत टीचर्स और स्टाफ को वेतन देने के नाम पर ना सिर्फ़ ट्यूशन फ़ीस बढ़ा रहे हैं बल्कि साथ में दो साल यानी 2016 और 2017 का भी बकाया वसूल रहे थे.
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एनडीटीवी इंडिया ने बीते हफ़्ते खबर दिखाई. दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम के मुताबिक, 'शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का किस तरह और किस स्तर पर पालन होगा, अभी ये देखना होगा. जिन स्कूलों ने फीस पहले ही बढ़ाकर वसूल ली है क्या वो वापस करेंगे? अगर नहीं तो शिक्षा निदेशालय उनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई करेगा? हालांकि शिक्षा निदेशालय का आदेश केवल सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों के लिए है जिनकी संख्या 394 है जबकि दिल्ली में दो हज़ार से ज़्यादा निजी स्कूल हैं और ज़्यादातर में अभिभावक मनमानी फीस वसूली की शिकायत कर रहे हैं.
VIDEO: केजरीवाल को ठेंगा दिखाते स्कूल
बाकी स्कूलों पर सरकार किस तरह नकेल कसेगी ये देखना होगा क्योंकि जानकार ये भी बताते हैं कि कानून के तहत दिल्ली सरकार केवल सरकारी जमीन पर बने स्कूलों को ही फीस संबंधित आदेश दे सकती है, बाकी स्कूलों को नहीं. दिल्ली सरकार ने कानून में संशोधन करके 2 साल पहले केंद्र को भेजा था जो आज तक पास नहीं हुआ.
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एनडीटीवी इंडिया ने बीते हफ़्ते खबर दिखाई. दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम के मुताबिक, 'शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का किस तरह और किस स्तर पर पालन होगा, अभी ये देखना होगा. जिन स्कूलों ने फीस पहले ही बढ़ाकर वसूल ली है क्या वो वापस करेंगे? अगर नहीं तो शिक्षा निदेशालय उनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई करेगा? हालांकि शिक्षा निदेशालय का आदेश केवल सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों के लिए है जिनकी संख्या 394 है जबकि दिल्ली में दो हज़ार से ज़्यादा निजी स्कूल हैं और ज़्यादातर में अभिभावक मनमानी फीस वसूली की शिकायत कर रहे हैं.
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बाकी स्कूलों पर सरकार किस तरह नकेल कसेगी ये देखना होगा क्योंकि जानकार ये भी बताते हैं कि कानून के तहत दिल्ली सरकार केवल सरकारी जमीन पर बने स्कूलों को ही फीस संबंधित आदेश दे सकती है, बाकी स्कूलों को नहीं. दिल्ली सरकार ने कानून में संशोधन करके 2 साल पहले केंद्र को भेजा था जो आज तक पास नहीं हुआ.
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