दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश का हुआ तबादला.
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को ट्रांसफर करके भारत सरकार के टेलीकॉम मंत्रालय में एडिशनल फैक्ट्री नियुक्त कर दिया गया है. शनिवार शाम अपॉइंटमेंट कमिटी ऑफ केबिनेट ने ये नियुक्ति की. अंशु प्रकाश का तबादला दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए बहुत बड़ी राहत है क्योंकि बीते फरवरी महीने से मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और चुनी हुई सरकार के लगातार टकराव चल रहा था. अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आधी रात को सरकारी काम के बहाने उनको अपने घर बुलाया और वहां पर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उनके साथ मारपीट की. इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 11 आम आदमी पार्टी विधायकों पर अदालत में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. हालांकि केजरीवाल सरकार का लगातार इन आरोपों को सिरे से नकार रही है.
अंशु प्रकाश को हटाए जाने के बाद फिलहाल दिल्ली में किसी नए मुख्य सचिव की नियुक्ति नहीं की गई है लेकिन दिल्ली में पहले ही अतिरिक्त मुख्य सचिव की नियुक्ति कर दी गई थी. गृह विभाग और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा फिलहाल नई नियुक्ति तक मुख्य सचिव का काम देखेंगे.
केजरीवाल सरकार को डबल राहत!
अंशु प्रकाश को हटाया जाना केजरीवाल सरकार के लिए बड़ी राहत है क्योंकि फरवरी के बाद से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच आरोपी और पीड़ित का रिश्ता बन गया था इसलिए जाहिर है कि दिल्ली सरकार में जब चुनी हुई सरकार और अफसर में ठन गई हो तो काम होना या केजरीवाल सरकार का अफसरों से काम करवाना बहुत मुश्किल हो रहा था. ऐसे में अंशु प्रकाश का ट्रांसफर केजरीवाल सरकार के लिए बहुत बड़ी राहत कहा जाएगा. लेकिन केजरीवाल सरकार के लिए एक दूसरी राहत भी है. जब तक नए मुख्य सचिव की नियुक्ति नहीं होती तब तक अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा मुख्य सचिव का काम देखेंगे. मनोज परीदा से फिलहाल केजरीवाल सरकार के बहुत अच्छे संबंध हैं. हाल ही में खबर आई थी की मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश ने सिग्नेचर ब्रिज के नवंबर में उद्घाटन पर कुछ आपत्ति दर्ज की थी लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से अलग राय रखते हुए चुनी हुई सरकार का समर्थन किया था.
वीडियो- मुख्य सचिव से मारपीट केसः केजरीवाल और सिसौदिया को जमानत
अंशु प्रकाश को हटाए जाने के बाद फिलहाल दिल्ली में किसी नए मुख्य सचिव की नियुक्ति नहीं की गई है लेकिन दिल्ली में पहले ही अतिरिक्त मुख्य सचिव की नियुक्ति कर दी गई थी. गृह विभाग और लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा फिलहाल नई नियुक्ति तक मुख्य सचिव का काम देखेंगे.
केजरीवाल सरकार को डबल राहत!
अंशु प्रकाश को हटाया जाना केजरीवाल सरकार के लिए बड़ी राहत है क्योंकि फरवरी के बाद से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच आरोपी और पीड़ित का रिश्ता बन गया था इसलिए जाहिर है कि दिल्ली सरकार में जब चुनी हुई सरकार और अफसर में ठन गई हो तो काम होना या केजरीवाल सरकार का अफसरों से काम करवाना बहुत मुश्किल हो रहा था. ऐसे में अंशु प्रकाश का ट्रांसफर केजरीवाल सरकार के लिए बहुत बड़ी राहत कहा जाएगा. लेकिन केजरीवाल सरकार के लिए एक दूसरी राहत भी है. जब तक नए मुख्य सचिव की नियुक्ति नहीं होती तब तक अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा मुख्य सचिव का काम देखेंगे. मनोज परीदा से फिलहाल केजरीवाल सरकार के बहुत अच्छे संबंध हैं. हाल ही में खबर आई थी की मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश ने सिग्नेचर ब्रिज के नवंबर में उद्घाटन पर कुछ आपत्ति दर्ज की थी लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज परीदा ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से अलग राय रखते हुए चुनी हुई सरकार का समर्थन किया था.
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