आसाराम के दिल्ली आश्रम में बैठे लोग
नई दिल्ली:
यौन शोषण के आरोप में करीब 5 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद आसाराम पर 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. आसाराम ने अपने भक्तों को फैसले से पहले एक चिट्ठी लिखी है. एक नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के मामले में आसाराम भले ही 2013 से जेल में बंद हों लेकिन दिल्ली के रिज रोड के उनके आश्रम में आज भी भक्तों को न केवल उनपर अटूट विश्वास है बल्कि पूरी उम्मीद भी कि आसाराम 25 अप्रैल को जेल से रिहा हो जाएंगे. यहां इकट्ठा भक्त भजन के माध्यम से बापू की रिहाई की प्रार्थना कर रहे हैं.
आसाराम के भक्तों के मुताबिक देश भर से वो लोग फैसले वाले दिन जोधपुर जाने की तैयारी कर रहे थे पर अचानक आसाराम ने जेल से भक्तों के नाम एक चिट्ठी भेज दी है. इस चिठ्ठी में लिखा है, '25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें, आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें.' भक्तों का कहना है कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे.
आसाराम पर उन्हीं की एक नाबालिग भक्त के साथ यौन शोषण और उसे बंधक बनाने का आरोप है. पुलिस ने आसाराम और उसके जोधपुर आश्रम के 4 कर्मचारियों के खिलाफ 6 नवंबर 2013 को ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस केस 58 गवाह हैं. आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उनमें उम्रकैद तक कि सज़ा का प्रावधान है. अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल के फैसले पर टिकी हैं.
आसाराम के समर्थक भले ही फैसले के दिन शांति बनाए रखने का दावा कर रहे हों लेकिन राजस्थान पुलिस को आशंका है कि फैसले के दिन कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए अभी से जोधपुर में धारा 144 लगा दी गयी है और फैसले के दिन कोर्ट भी जेल में ही लगेगी और जेल के अंदर ही फैसला सुनाया जाएगा.
VIDEO: आसाराम केस: पीड़ितों में जगी इंसाफ़ की आस
आसाराम के भक्तों के मुताबिक देश भर से वो लोग फैसले वाले दिन जोधपुर जाने की तैयारी कर रहे थे पर अचानक आसाराम ने जेल से भक्तों के नाम एक चिट्ठी भेज दी है. इस चिठ्ठी में लिखा है, '25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें, आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें.' भक्तों का कहना है कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे.
आसाराम पर उन्हीं की एक नाबालिग भक्त के साथ यौन शोषण और उसे बंधक बनाने का आरोप है. पुलिस ने आसाराम और उसके जोधपुर आश्रम के 4 कर्मचारियों के खिलाफ 6 नवंबर 2013 को ही आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस केस 58 गवाह हैं. आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उनमें उम्रकैद तक कि सज़ा का प्रावधान है. अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल के फैसले पर टिकी हैं.
आसाराम के समर्थक भले ही फैसले के दिन शांति बनाए रखने का दावा कर रहे हों लेकिन राजस्थान पुलिस को आशंका है कि फैसले के दिन कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए अभी से जोधपुर में धारा 144 लगा दी गयी है और फैसले के दिन कोर्ट भी जेल में ही लगेगी और जेल के अंदर ही फैसला सुनाया जाएगा.
VIDEO: आसाराम केस: पीड़ितों में जगी इंसाफ़ की आस
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