
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत में लैंगिक असमानता की समस्या दूर करने के लिए हेल्थकेयर नेटवर्क ऑक्सी ने देश में जन्म लेने वाली प्रत्येक लड़की के लिए 11,000 की सावधि जमा की सुविधा प्रदान करने के लिए 'ऑक्सी गर्ल चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम' शुरू किया है. राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय लैंगिक समानता दिवस और ऑक्सी गर्ल चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने का मकसद भारत में लैंगिक असमानता की समस्या का समाधान करना है.
इस कार्यक्रम में ब्राजील, ब्रिटेन, स्लोवेनिया, पाकिस्तान, गुयाना, इथियोपिया, कोरिया गणराज्य, मालदीव जैसे विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. कार्यक्रम में समान आर्थिक अवसरों, लैंगिक मुख्यधारा, महिलाओं के लिए आरक्षण और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा जैसी विषयों पर भी चर्चा की गई.
पैनल ने बेटे और बेटियों के बीच बढ़ते अंतराल को कम करने के लिए लैंगिक असमानता और साझा विचारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक लिंग आधारित आरक्षण और उपायों के विषय भी उठाए गए.
सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, उचित प्रथाओं को साझा करने और महिलाओं को उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए सशक्तिकरण की सिफारिशें भी की गईं. कार्यक्रम में अली बाबा, अमेजॅन, माइक्रोसॉफ्ट, पीडब्ल्यूसी, पेप्सी जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पेशेवरों के अलावा विश्व संसद और डब्ल्यूएफआईटी जैसे संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में ब्राजील, ब्रिटेन, स्लोवेनिया, पाकिस्तान, गुयाना, इथियोपिया, कोरिया गणराज्य, मालदीव जैसे विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. कार्यक्रम में समान आर्थिक अवसरों, लैंगिक मुख्यधारा, महिलाओं के लिए आरक्षण और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा जैसी विषयों पर भी चर्चा की गई.
पैनल ने बेटे और बेटियों के बीच बढ़ते अंतराल को कम करने के लिए लैंगिक असमानता और साझा विचारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक लिंग आधारित आरक्षण और उपायों के विषय भी उठाए गए.
सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, उचित प्रथाओं को साझा करने और महिलाओं को उनकी आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए सशक्तिकरण की सिफारिशें भी की गईं. कार्यक्रम में अली बाबा, अमेजॅन, माइक्रोसॉफ्ट, पीडब्ल्यूसी, पेप्सी जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पेशेवरों के अलावा विश्व संसद और डब्ल्यूएफआईटी जैसे संगठनों के सदस्य भी उपस्थित थे.
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