लोकसभा में सोमवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021' को पारित कर दिया गया. यह विधेयक किसी भी कार्यकारी कदम पर दिल्ली सरकार द्वारा उप राज्यपाल का विचार लेना अनिवार्य बनाता है. इस बिल को मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा के लिए लिस्ट किया गया है. इस पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर मांग की कि इस बिल को राज्यसभा में पेश ना किया जाए.
पत्र में संजय सिंह ने लिखा है, 'संविधान में 69वां संशोधन करके दिल्ली में विधानसभा का गठन किया गया था इसलिए एक साधारण विधेयक के जरिए इसमें किया जा रहा बदलाव भारत के संविधान का उल्लंघन है. राज्य सभा के चेयरमैन सरकार को निर्देश दें कि इस बिल को वापस लें जो संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है.'
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बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का ‘अपमान' करार दिया था. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कड़े विरोध के बीच लोकसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक आज 2021' पारित हो गया. इन पार्टियों का कहना है कि यह विधेयक ‘ असंवैधानिक' है.
केजरीवाल ने कहा कि विधेयक प्रभावी रूप से उन लोग से शक्तियां ले लेता है,जिन्हें जनता ने वोट देकर चुना है और उन लोगों को शक्ति प्रदान करता है, जिन्हें जनता ने हराया है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ लोकसभा में जीएनसीटीडी (संशोधन) विधेयक का आज पारित होना दिल्ली के लोगों का अपमान है. यह विधेयक प्रभावी रूप से उनसे शक्तियां छीन लेता है जिन्हें दिल्ली के लोगों ने सत्ता सौंपी और उन लोगों को शक्ति प्रदान करता है, जिन्हें जनता ने हराने का काम किया. भाजपा ने लोगों के साथ धोखा किया.''
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इससे पहले केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि इस विधेयक को वापस ले लिया जाए और आप सरकार इसकी वापसी के लिए ‘नरेंद्र मोदी सरकार के चरणों में गिरने को भी तैयार' है. (इनपुट भाषा से भी)
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