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This Article is From Jun 27, 2022

शुरू हुआ छंटनी का दौर, मुश्किलों से जूझ रहे भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज

वहीं, एक जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान पर एक प्रतिशत स्रोत पर TDS लगाया जाएगा.

शुरू हुआ छंटनी का दौर, मुश्किलों से जूझ रहे भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज
भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स (WazirX) पर ट्रेडिंग वॉल्यूम नए टैक्‍स रेगुलेशंस की वजह से पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 95 फीसदी गिर गया है।

दुनियाभर के क्रिप्‍टो मार्केट (crypto market) में कई महीनों से छाई अनिश्‍च‍ितता अभी भी बरकरार है. इसने निवेशकों के भरोसे पर तगड़ी चोट पहुंचाई है. भारत का क्रिप्‍टो मार्केट भी इससे अछूता नहीं है. मार्केट में मंदी और क्रिप्‍टो इंडस्‍ट्री पर लगे सरकारी प्रतिबंधों ने इसमें गिरावट और बढ़ाया है साथ ही क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों को भी नुकसान पहुंचाया है. खबर है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने बैंकिंग सिस्‍टम में ब्लॉकचेन तकनीक को पेश करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ा रहा है. 

ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि भारत की क्रिप्टो इंडस्‍ट्री के कई बड़े नाम अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं. ज्‍यादातर भारतीय बिजनेसेज सावधानी से चलने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वो इस सेक्‍टर के लिए पेश किए जाने वाले नए टैक्‍स रेट की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल, एक जुलाई से एक वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक की डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान पर एक प्रतिशत स्रोत पर TDS लगाया जाएगा.

रिपोर्ट कहती है कि भारत के सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक वजीरएक्स (WazirX) पर ट्रेडिंग वॉल्यूम नए टैक्‍स रेगुलेशंस की वजह से पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 95 फीसदी गिर गया है. वजीरएक्स के वाइ प्रेसिडेंट राजगोपालन मेनन (Rajagopalan Menon) के हवाले से ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि कंपनी के लिए पिछला साल गोल्‍डन ऐज था और उसने कम समय में बड़ी संख्‍या में लोगों को हायर किया था. 

हालांकि कंपनी अभी किसी बड़ी छंटनी की तैयारी नहीं कर रही. फ‍िलहाल वह ऐसी चीजों पर कटौती कर रही है, जो बहुत जरूरी नहीं हैं. सिर्फ महत्‍वपूर्ण पदों पर ही लोगों की हायरिंग की जा रही है. कंपनी का कहना है कि वह सिर्फ महत्वपूर्ण पदों पर काम पर रख रही है, बिल्‍कुल भी पैसा खर्च नहीं किया जा रहा. 

यह तैयारी उस क्रिप्‍टो विंटर से बचने की है, जिसकी आहट महसूस की जा रही है. न सिर्फ भारतीय एक्सचेंज इससे प्रभावित हुए हैं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों और इस इंडस्‍ट्री से जुड़े दूसरे बिजनेसेज ने अपने यहां कर्मचारियों की छंटनी की है. इनमें क्रिप्टो डॉट कॉम, कॉइनबेस, जेमिनी, रॉबिनहुड, बिट्सो, बायबिट और ब्लॉकफी जैसे महत्‍वपूर्ण प्लेटफॉर्म हैं जो कर्मचारियों की कमी से गुजर रहे हैं. भारतीय क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज की बात करें, तो हाल ही में वॉल्ड ने भी 30 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्‍ता दिखाया है. अनुमान है कि अकेले जून महीने में इस इंडस्‍ट्री से 1700 लोग बाहर हुए हैं. 

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