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This Article is From Jun 07, 2022

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा स्थिति और आगे का कैसा हो सकता है रास्ता?

हम यह कह सकते हैं कि Web 3.0 से इंटरनेट पूरी तरह डीसेंट्रलाइज्ड हो जाएगा और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि वे बिना किसी इंटरमीडियरी के विभिन्न सर्विसेज हासिल कर सकेंगे.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा स्थिति और आगे का कैसा हो सकता है रास्ता?
Web 3.0 से क्रिएटर्स को भी बड़ा मौका मिलेगा क्योंकि वे सीधे ऑडिएंस तक पहुंचने में सक्षम होंगे

देश में हाल ही में बहुत से  Web 3.0 प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप्स उभरे हैं. इसकी वजह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है जो इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हम यह कह सकते हैं कि Web 3.0 से इंटरनेट पूरी तरह डीसेंट्रलाइज्ड हो जाएगा और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि वे बिना किसी इंटरमीडियरी के विभिन्न सर्विसेज हासिल कर सकेंगे. Web 3.0 से क्रिएटर्स को भी बड़ा मौका मिलेगा क्योंकि वे सीधे ऑडिएंस तक पहुंचने में सक्षम होंगे.

भारतः Web 3.0 का हब!

इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि हमारे जीवन में इंटरनेट एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और इसमें Web 2.0 एप्लिकेशंस का बड़ा योगदान रहा है क्योंकि हमारी सामाजिक क्रांति के लिए यह मुख्य कारणों में से एक है.

हालांकि, आने वाला दौर Web 3.0 का होगा और कई वर्षों बाद इंटरनेट का यह वर्जन दुनिया में लगभग प्रत्येक व्यक्ति और बिजनेस पर असर डालेगा और इसमें CoinSwitch जैसे बड़े एक्सचेंजों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

अगर आप क्रिप्टो सेगमेंट में सक्रिय हैं तो आपको पता होगा कि Web 3.0 अधिक ऑटोनॉमस, इंटेलिजेंट और ओपन है. यह सभी डेटा को एक डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से इंटरकनेक्ट करता है जिससे किसी एक के पास अथॉरिटी नहीं होती.

भारत में Web 3.0 से जुड़े प्रोजेक्ट्स की रफ्तार बढ़ रही है और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि यह उनके जॉब करने, कंटेंट क्रिएट करने और नई चीजों को सीखने के तरीके को पूरी तरह बदल देगा. अगर देश में Web 3.0 अपनी जगह बनाने में सफल रहता है तो मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन में इनवेस्ट करने वालों की संख्या बढ़ेगी.

Web 3.0 को लेकर जल्द कदम बढ़ाने से कुछ मजबूत क्रिप्टो एसेट्स का महत्व भी बढ़ सकता है क्योंकि लोगों को नए इकोसिस्टम्स में एक्सचेंज के एक जरिए की जरूरत होगी. CoinSwitch के भविष्य की ओर देखने वाले नजरिए के साथ इसके यूजर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रांजैक्शन करना और सभी क्रिप्टो एसेट्स में सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट करना आसान हो जाएगा.

देश में क्रिप्टो को लेकर दिलचस्पी Web 3.0 के साथ और बढ़ सकती है क्योंकि इससे डेटा का स्वामित्व और नियंत्रण यूजर्स को वापस मिलेगा और इंटरमीडियरीज और इंटरनेट पर काफी नियंत्रण रखने वाली कुछ बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की जरूरत नहीं रहेगी.

भारत में क्रिप्टो इनवेस्टमेंटः कैसे यह बदल रहा है?

देश में क्रिप्टो इनवेस्टर्स और 'होडलर्स' को पिछले कुछ महीनों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है क्योंकि केंद्र सरकार ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए नए कानून प्रस्तुत किए हैं. हालांकि, इससे क्रिप्टो इनवेस्टमेंट पर रवैया नहीं बदला है और इसे लेकर उत्साह बरकरार है. इस दावे की पुष्टि CoinSwitch जैसे प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों की बढ़ती यूजर वॉल्यूम से होती है. इससे पता चलता है कि क्रिप्टो इनवेस्टर्स और होडलर्स का क्रिप्टो पर विश्वास बरकरार है.

अब लोग केवल क्रिप्टो सेगमेंट में खरीदारी और बिक्री नहीं कर रहे. वे अब NFT, मेटावर्स से जुड़े इनवेस्टमेंट और DeFi-बेस्ड इनवेस्टमेंट जैसे अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं, जिनसे फाइनेंशियल इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव होना तय माना जा रहा है. इनमें से कुछ इनवेस्टमेंट ट्रेंड्स के बारे में यहां आपको जानकारी दी जा रही हैः

नॉन-फंजिबल टोकन

आपको यह पता होना चाहिए कि नॉन-फंजिबल का मतलब है कि कोई ऐसी चीज जिसे कॉपी या रिप्लेस नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अनूठी है. नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFT) के लिए हम ऐसे डिजिटल एसेट्स के बारे में बात करते हैं जिन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता और जो एक्सक्लूसिव होते हैं. प्रत्येक NFT यूनीक है और इसे वैल्यू के नुकसान के बिना बेचा या एक्सचेंज किया जा सकता है, जो इनवेस्टर्स के लिए अच्छा है. NFT की बिक्री NFT मार्केट में हो सकती है, जहां इसमें दिलचस्पी रखने वाला कोई व्यक्ति इसे आसानी से खरीद सकता है.

मेटावर्स से जुड़ा इनवेस्टमेंट

मेटावर्स से मतलब एक वर्चुअल वर्ल्ड है जिसमें यूजर्स 3D वर्चुअल स्पेस और एनवायरमेंट्स में शामिल हो सकते हैं. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मेटावर्स की मनी क्रिप्टोकरेंसीज हैं. इनका इस्तेमाल मेटावर्स में NFT, डीसेंट्रलाइज्ड में लैंड, कॉन्सर्ट की टिकट्स और आपके अवतार के लिए क्लोदिंग खरीदने में किया जाता है.

स्टेकिंग जैसे DeFi-बेस्ड इनवेस्टमेंट

अगर आप क्रिप्टो मार्केट में लंबी अवधि के इनवेस्टर हैं तो आप क्रिप्टो स्टेकिंग पर विचार कर सकते हैं. स्टेकिंग से आपको कैपिटल में बढ़ोतरी और आपके स्टेक्ड कॉइन्स के लिए गारंटीड रिवॉर्ड्स जैसे बेनेफिट मिलते हैं. क्रिप्टो माइनिंग के विपरीत, इसे कोई भी व्यक्ति एक निर्धारित क्रिप्टो वॉलेट में क्रिप्टो कॉइन्स को नेटवर्क के कामकाज में मदद के लिए लॉकिंग के जरिए कर सकता है. इसके बदले में इनवेस्टर को ब्लॉक रिवॉर्ड्स नए माइन किए गए कॉइन्स के तौर पर मिलते हैं.

देश में Web 3.0 और क्रिप्टो से जुड़े अन्य इनवेस्टमेंट के ट्रेंड्स में काफी संभावना है और इस सेगमेंट में दुनिया की अगुवाई भी भारत कर सकता है. इस क्रांति का हिस्सा बनने के लिए देश की सबसे आसान और विश्वसनीय क्रिप्टो ऐप CoinSwitch तैयार है.

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