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This Article is From Jun 27, 2022

भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को क्रिप्टो स्कैम से लगा है 1,000 करोड़ का चूना, जानें कैसे?

प्लेटफॉर्म के फाउंडर और सीईओ राहुल सासी (Rahul Sasi) का कहना है कि कंपनी का अनुमान है कि इस तरह के क्रिप्टो स्कैम में भारतीय पीड़ितों को $128 मिलियन (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) तक का चूना लगाया है."

भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को क्रिप्टो स्कैम से लगा है 1,000 करोड़ का चूना, जानें कैसे?
इनमें से कई फर्जी वेबसाइटें" CoinEgg, एक वैध यूके-आधारित क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की कॉपी हैं

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्कैम तेजी से बढ़ रहे हैं. आए दिन दुनिया के किसी न किसी कोने से क्रिप्टो संबंधित धोखाधड़ी के मामले रिपोर्ट किए जाते हैं. लेटेस्ट मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि क्रिप्टो स्कैम में भारतीय क्रिप्टो निवेशकों ने 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा गवाए हैं. ये ठगी नकली ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज्स द्वारा की गई हैं. एक साइबर सुरक्षा कंपनी ने फिशिंग डोमेन और Android-आधारित नकली क्रिप्टो ऐप्स के बारे में पता लगाया है, जो क्रिप्टो निवेशकों को ठगने का काम कर रहे हैं.

Business Standards के अनुसार, साइबर सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म CloudSEK का कहना है कि उसने कई फिशिंग डोमेन और Android-आधारित नकली क्रिप्टो एप्लिकेशन से जुड़े एक चल रहे ऑपरेशन का खुलासा किया है. कंपनी ने अपने बयान में कहा, (अनुवादित) "बड़े पैमाने पर चल रहा यह अभियान व्यक्तियों को एक बड़े घोटाले की ओर आकर्षित करता है. इनमें से कई फर्जी वेबसाइटें" CoinEgg, एक वैध यूके-आधारित क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की कॉपी हैं."

CloudSEK ने आगे बताया कि प्लेटफॉर्म को एक पीड़ित ने संपर्क किया, जिसने इस तरह के एक क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में कथित तौर पर 50 लाख रुपये ($64,000) खो दिए थे, जिसमें डिपोजिट अमाउंट, टैक्स इत्यादि जैसी अन्य लागत शामिल नहीं हैं.

प्लेटफॉर्म के फाउंडर और सीईओ राहुल सासी (Rahul Sasi) का कहना है कि कंपनी का अनुमान है कि इस तरह के क्रिप्टो स्कैम में भारतीय पीड़ितों को $128 मिलियन (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) तक का चूना लगाया है."

सासी आगे बताते हैं कि ये स्कैमर्स पहले नकली डोमेन बनाते हैं, जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की कॉपी होते हैं, और पूरी तरह से वैध और असली प्रतीत होते हैं. इन साइट्स को आधिकारिक वेबसाइट के डैशबोर्ड और यूजर इंटरफेस के समान डिज़ाइन किया जाता है. इसके बाद, स्कैमर्स संभावित पीड़ित से संपर्क करने और दोस्ती स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया पर एक महिला प्रोफाइल बनाते हैं. ये प्रोफाइल पीढ़ित को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और ट्रेडिंग करने के लिए प्रेरित करते हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, ये नकली प्रोफाइल उनके द्वारा बनाए गए नकली एक्सचेंज के जरिए निवेश या ट्रेडिंग करने के लिए पीढ़ित को $100 डॉलर का क्रेडिट देते हैं. शुरुआत में तो पीढ़ित मुनाफा बनाता है, जिससे उसे एक्सचेंज के जरिए और ज्यादा पैसे निवेश करने की प्रोत्साहन मिलता है. बेहतर मुनाफे का लालच देते हुए नकली प्रोफाइल पीढ़ित को और पैसा लगाने का सुझाव देते हैं.

जैसे ही पीढ़ित उन नकली एक्सचेंज पर पैसा लगाता है, स्कैमर्स उसके अकाउंट को फ्रीज कर देते हैं, जिससे पीढ़ित जमा किए गए पैसों को वापस न निकाल सके.

स्कैम यहीं नहीं रुकता है. रिपोर्ट आगे बताती है कि पीढ़ित द्वारा अकाउंट को वापस हासिल करने की रिक्वेस्ट किए जाने के बाद, नकली एक्सचेंज पीढ़ित से आईडी कार्ड, बैंक डिटेल इत्यादि निजी जानकारियां मांगते हैं, जिससे वे अन्य स्कैम्स को भी अंजाम दे सके.

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