नई दिल्ली:
डीएमसी यानी दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि युवराज के फिजियोथेरेपिस्ट जतिन चौधरी के पास कोई डिग्री नहीं हैं और वह झोलाझाप डॉक्टर हैं। डीएमसी का कहना है कि जतिन चौधरी को अपनी डिग्री दिखाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
गौरतलब है कि जतिन चौधरी ने ही मीडिया में सबसे पहले ये कन्फर्म किया था कि युवराज को कैंसर है। जतिन कई मशहूर स्पोर्ट्स सेलीब्रिटी को फिट होने में मदद कर चुके हैं और युवराज की भी देखभाल वह कर रहे थे लेकिन युवराज की बीमारी पर बवाल बढ़ने के बाद यह मीडिया में आए जिससे युवराज का परिवार भी परेशान हुआ।
अब डीएमसी ने भी उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन जतिन का कहना है कि उनकी डिग्री फर्जी नहीं है। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से फिजियोथेरेपिस्ट की डिग्री हासिल की है। जतिन के अनुसार वह ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन में रजिस्टर्ड हैं। जतिन का दावा है कि उनके पास हाईकोर्ट का एक निर्णय भी है, जिसमें कहा गया है कि वह कहीं भी प्रैक्टिस कर सकते हैं। जतिन का कहना है कि डीएमसी उनकी शोहरत से जलती रही है।
जतिन यह बात भी मानने को तैयार नहीं है कि युवराज के इलाज में देरी हुई। उनका कहना है कि जितना वक्त ट्यूमर और कैंसर का पता लगने में लगना चाहिए, उतना ही लगा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएसन द्वारा लगाए गए आरोपों को जतिन बिलकुल बेबुनियाद बताते हैं। उनका कहना है कि उनके पास सबूत है, जिनसे साफ होता है कि डीएमसी ने खुद उनको हरी झंडी दी है।
गौरतलब है कि जतिन चौधरी ने ही मीडिया में सबसे पहले ये कन्फर्म किया था कि युवराज को कैंसर है। जतिन कई मशहूर स्पोर्ट्स सेलीब्रिटी को फिट होने में मदद कर चुके हैं और युवराज की भी देखभाल वह कर रहे थे लेकिन युवराज की बीमारी पर बवाल बढ़ने के बाद यह मीडिया में आए जिससे युवराज का परिवार भी परेशान हुआ।
अब डीएमसी ने भी उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन जतिन का कहना है कि उनकी डिग्री फर्जी नहीं है। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से फिजियोथेरेपिस्ट की डिग्री हासिल की है। जतिन के अनुसार वह ऑल इंडिया फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन में रजिस्टर्ड हैं। जतिन का दावा है कि उनके पास हाईकोर्ट का एक निर्णय भी है, जिसमें कहा गया है कि वह कहीं भी प्रैक्टिस कर सकते हैं। जतिन का कहना है कि डीएमसी उनकी शोहरत से जलती रही है।
जतिन यह बात भी मानने को तैयार नहीं है कि युवराज के इलाज में देरी हुई। उनका कहना है कि जितना वक्त ट्यूमर और कैंसर का पता लगने में लगना चाहिए, उतना ही लगा है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएसन द्वारा लगाए गए आरोपों को जतिन बिलकुल बेबुनियाद बताते हैं। उनका कहना है कि उनके पास सबूत है, जिनसे साफ होता है कि डीएमसी ने खुद उनको हरी झंडी दी है।
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