नई दिल्ली : वर्ल्ड कप में अबतक भारत की ओर से पांच मैचों में सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने वाले मो. शमी मैच दर मैच लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और टीम इंडिया की गेंदबाज़ी का अहम हथियार साबित हो रहे हैं। वर्ल्ड कप में सभी टीमों के बीच सबसे ज़्यादा विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज़ों की लिस्ट में वो ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क के साथ छठे नंबर पर हैं। (फ़िलहाल न्यूज़ीलैंड के ट्रेंट बोल्ट 15 विकेट लेकर सबसे आगे हैं।)
मो. शमी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के दौरान 3 मैचों में भारत की ओर से सबसे ज़्यादा 15 विकेट लिए थे। ये और बात है कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ और बाद ट्राएंगुलर सीरीज़ में कोई जीत हासिल नहीं कर पाई और मो. शमी का प्रदर्शन टीम के प्रदर्शन के बीच दब गया। लेकिन वर्ल्ड कप में टीम के साथ मो. शमी भी निखर गए हैं।
मो. शमी अपने इस प्रदर्शन में कप्तान धोनी की भूमिका बेहद अहम मानते हैं। वो कहते हैं कि जिस अंदाज़ में धोनी उन्हें गेंदबाज़ के तौर पर समझते हैं और इस्तेमाल करते हैं वो उन्हें बेहद पसंद है। वो कहते हैं कि धोनी नाराज़ नहीं होते और शांत होकर उनकी ग़लतियों को समझाते हैं। वो गुस्सा नहीं होते, सिर्फ़ कहते हैं कि मैं अपनी ग़लतियों को नहीं दुहराऊं।
44 वनडे मैचों में 82 विकेट लेनेवाले 25 साल के मो. शमी ने क़रीब दो साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। शमी कहते हैं कि जब वो घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे तो अक्सर सोचते थे कि वो सीनियर खिलाड़ियों से कैसे बात करेंगे और कैसे उनसे सलाह लेंगे। लेकिन वो कहते हैं कि धोनी की वजह से वो टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में बंगाल के ड्रेसिंग रूम से ज़्यादा सहज महसूस रहते हैं।
टेस्ट में 4 से कम और वनडे में 6 से कम की इकॉनमी से गेंदबाज़ी करने वाले मो. शमी बताते हैं कि वो वसीम अकरम और सर रिचर्ड हेडली जैसे दिग्गजों से काफ़ी बात करते हैं ताकि अपनी गेंदबाज़ी को और निखार सकें।
मो. शमी कहते हैं कि पिछले वर्ल्ड कप को सभी सचिन तेंदुलकर को जीत का तोहफ़ा देना चाहते थे। वो कहते हैं कि हमें इस बार भी ऐसे ही खेलना चाहिए क्योंकि कोई नहीं जानता कि किसके लिए ये आख़िरी वर्ल्ड कप साबित हो। वो कहते हैं कि टीम के खिलाड़ी उसी अंदाज़ में वर्ल्ड कप खेल रहे हैं। इसलिए खिलाड़ी इस वर्ल्ड कप में उतना ही ज़ोर लगा रहे हैं।
वो पूरी गेंदबाज़ी यूनिट के बारे में भी बताते हैं कि सभी गेंदबाज़ हालात के मुताबिक योजना पर ही गेंदबाज़ी करते हैं। अगर प्लान 'A' काम नहीं करता है तो प्लान 'B' पर काम करते हैं। टीम इंडिया ने अबतक पांच मैचों में पूरे पचास विकेट हासिल किए हैं जिसकी वजह से इस टूर्नामेंट में डिफ़ेंडिंग चैंपियन टीम सबसे ख़तरनाक नज़र आ रही है। और ज़ाहिर तौर पर खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं।
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