नई दिल्ली:
पाकिस्तान क्रिकेट टीम को भारत में खेलने के लिए पाकिस्तान सरकार ने हरी झंडी दे दी है। अब दोनों देशों के फ़ैन्स क्रिकेट के रोमांच का मज़ा 19 मार्च को धर्मशाला में ले सकते हैं। गौरतलब है कि ठीक एक साल पहले वर्ल्ड कप के इकलौते मैच के बाद साल 2015 इस इंतज़ार में बीत गया कि भारत-पाकिस्तान की टीमों के बीच दोतरफा सीरीज़ कैसे सच हो पाएगी, लेकिन ऐसा हो न सका।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे करवाने में एड़ी चोटी का जोर भी लगाया, लेकिन राजनीतिक रिश्तों ने इसे सच नहीं होने दिया। लेकिन अब नए साल में टी-20 वर्ल्ड कप के साथ यह रोमांच फिर से सच हो रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने अपनी टीम को भारत में खेलने की इजाज़त दे दी है। सरकार के फ़ैसले का स्वागत करते हुए पीसीबी के अध्यक्ष शहरयार ख़ान ने कहा, ''सरकार के फ़ैसले से हम ख़ुश हैं।
हमने आईसीसी से पाकिस्तानी खिलाड़ियों और फ़ैन्स की सुरक्षा और वीज़ा का ध्यान रखने को कहा है।''
असल में दोतरफ़ा सीरीज़ को लेकर भारत की बेरुख़ी से पाकिस्तान सरकार बीते दिनों काफी निराश थी। माना जा रहा था कि सरहद पार से टी-20 वर्ल्ड कप को बॉयकॉट तक किया जा सकता है, लेकिन टीम जल्द ही भारत का रुख़ करेगी और मुक़ाबले की मेज़बानी धर्मशाला में होगी।
भारत और पाकिस्तान की टीमें जब भी टकराती हैं, तो क्रिकेट का रोमांच दोगुना हो जाता है। ऐसे में मैच के सफल आयोजन के लिए बीसीसीआई और आईसीसी पर भी दबाव होगा।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसे करवाने में एड़ी चोटी का जोर भी लगाया, लेकिन राजनीतिक रिश्तों ने इसे सच नहीं होने दिया। लेकिन अब नए साल में टी-20 वर्ल्ड कप के साथ यह रोमांच फिर से सच हो रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने अपनी टीम को भारत में खेलने की इजाज़त दे दी है। सरकार के फ़ैसले का स्वागत करते हुए पीसीबी के अध्यक्ष शहरयार ख़ान ने कहा, ''सरकार के फ़ैसले से हम ख़ुश हैं।
हमने आईसीसी से पाकिस्तानी खिलाड़ियों और फ़ैन्स की सुरक्षा और वीज़ा का ध्यान रखने को कहा है।''
असल में दोतरफ़ा सीरीज़ को लेकर भारत की बेरुख़ी से पाकिस्तान सरकार बीते दिनों काफी निराश थी। माना जा रहा था कि सरहद पार से टी-20 वर्ल्ड कप को बॉयकॉट तक किया जा सकता है, लेकिन टीम जल्द ही भारत का रुख़ करेगी और मुक़ाबले की मेज़बानी धर्मशाला में होगी।
भारत और पाकिस्तान की टीमें जब भी टकराती हैं, तो क्रिकेट का रोमांच दोगुना हो जाता है। ऐसे में मैच के सफल आयोजन के लिए बीसीसीआई और आईसीसी पर भी दबाव होगा।
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