पर्थ में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ होने वाले मुक़ाबले से ठीक पहले विराट कोहली ने खुद ही एक ऐसा विवाद खड़ा किया, जिसके चलते वो आलोचनाओं के घेरे में हैं। उन्होंने एक अभ्यास सत्र के दौरान एक भारतीय खेल पत्रकार के साथ अभद्रता की।
उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया और वह भी तब जब उस खेल पत्रकार से उनकी नाराजगी नहीं थी। वो गलती से उन्हें कोई दूसरा पत्रकार समझ बैठे थे, जिनसे उनको नाराजागी थी। कोहली के ऐसे रवैये की आलोचना होनी चाहिए और खूब हो भी रही है।
आखिरकार, भारतीय क्रिकेट उन्हें भविष्य के कप्तान के तौर पर देख रहा है, उनके हर छक्के और चौक्के पर मीडिया उनकी तारीफों के पुल बांध देता है। ऐसे में सार्वजनिक तौर पर कोहली का रवैया बताता है कि उनमें परिपक्वता की कमी है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने फटकार सुनाई है और उन्हें टीम की गरिमा का ध्यान रखने को कहा है।
कोहली कभी आईपीएल के मैच में गौतम गंभीर से भिड़ जाते हैं तो कभी विपक्षी टीम के खिलाड़ी डेविड वॉर्नर से उलझ जाते हैं। कई बार लगता है कि ये कोहली की फाइटिंग स्प्रिट है जिसके चलते वो मैदान पर जब खूंटा गाड़ देते हैं तो विपक्षी टीम के हौसलों को पस्त होते देर नहीं लगती।
लेकिन अगर कोहली को अपनी क्षमता के मुताबिक क्रिकेट के आसमान पर लंबे समय तक छाए रहना है तो उन्हें अपने व्यवहार में सुधार करना होगा। इसी वाक्य में खेल पत्रकार के पास जाकर अपनी गलती के लिए खेद जताकर वे मामले को खत्म कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और वीवीएस लक्ष्मण ने भी माना है कि विराट कोहली को खेद जताकर मामला खत्म करना चाहिए था। कहते हैं कि इंसान अपनी गलतियों से सबक लेता है। उम्मीद करनी चाहिए कि कोहली भी सबक लेंगे।
बहरहाल, इन आलोचनाओं के बीच में पर्थ का मुक़ाबला कोहली के लिए एक बड़ा मौका होगा। वे अपनी बल्लेबाज़ी से अगर टीम को जोरदार जीत दिलाने में कामयाब होते हैं, तो यही भारतीय मीडिया कोहली के व्यवहार को पीछे छोड़, उनकी तारीफ में कसीदे भी पढ़ेगा।
कोहली अगर टीम इंडिया की जीत में उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं तो टीम इंडिया का प्रबंधन उन्हें प्रेस कांफ्रेंस भी भेज सकता है और वहां वे सार्वजनिक तौर पर मीडियाकर्मियों से खेद जता सकते हैं। विराट कोहली अब तक पर्थ के मैदान पर कोई शतक भी नहीं बना पाए हैं, तो उनके सामने इस चुनौती को पूरा करने का मौका भी होगा।
कहने की जरूरत नहीं है भारत और वेस्टइंडीज़ का मुक़ाबला होली के दिन खेला जा रहा है, कोहली के सामने मीडिया और खेल प्रशंसकों को अपने ही रंग में रंगने का मौका है। जहां हम आप कह सकते हैं- बुरा ना मानो 'कोहली' है।
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