![जब रवींद्र जडेजा के IPL खेलने पर लगा था बैन, क्रिकेटर ने कर दी थी ये गलती जब रवींद्र जडेजा के IPL खेलने पर लगा था बैन, क्रिकेटर ने कर दी थी ये गलती](https://c.ndtvimg.com/2023-11/grbo93po_ravindra-jadeja_625x300_28_November_23.jpg?downsize=773:435)
हार्दिक पांड्या IPL 2024 में कौन सी टीम से खेलेंगे, इसे लेकर रविवार का दिन काफी गहमागहमी भरा रहा था, लेकिन करोड़ों फैंस उस समय हैरान रह गए, जब गुजरात ने पांड्या को रिटेन खिलाड़ियों की सूची में दिखाया, लेकिन दो घंटे बाद ही हालात 360 डिग्री की तरह बदल गए और साफ हो गया कि अब हार्दिक मुंबई के लिए ही खेलेंगे. हार्दिक पिछले दो साल के लिए गुजरात के कप्तान रहे. साल 2022 में पहले ही सीज़न में उनकी कप्तानी में गुजरात ने खिताब जीता, तो अगले साल टीम फाइनल में पहुंची. हार्दिक ने मुंबई के साथ ही 2015 में करियर का आगाज किया था. इसी बीच आपको एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं जो कुछ हद तक इसी तरह की प्लेयर ट्रेडिंग से जुड़ा है. बात दरअसल साल 2010 की है. जब एक सीज़न के लिए रवींद्र जडेजा के आईपीएल खेलने पर बैन लगा था.
रवींद्र जडेजा के IPL खेलने पर क्यों लगा था बैन?
2010 में, IPL ने रवींद्र जडेजा पर एक सीज़न के लिए बैन लगा दिया था क्योंकि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के साथ अपने मौजूदा कॉन्ट्रेक्ट पर तो साइन किए नहीं थे, और मुंबई के साथ एक नए कॉन्ट्रेक्ट पर बातचीत करने का प्रयास किया था. IPL ने उस समय कहा था कि वह खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त और परिचालन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर कोई खिलाड़ी दूसरी टीम में जाना चाहता है लेकिन उसकी फ्रेंचाइजी उसे जाने नहीं देना चाहती तो क्या होगा? तो आपको बता दें कि इस मामले में फ्रेंचाइजी का फैसला अंतिम होता है कि खिलाड़ी उनके साथ रहेगा या नहीं.
क्या खिलाड़ियों का ट्रेड में कोई अधिकार नहीं है?
ऐसे में ये जानना भी काफी रोचक है कि क्या खिलाड़ियों का ट्रेड में कोई अधिकार नहीं है? क्या वे इसकी पहल नहीं कर सकते हैं? तो बता दें कि ट्रेड करने से पहले खिलाड़ी की सहमति अनिवार्य है. हार्दिक के मामले में, ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई इंडियंस ने 2023 आईपीएल के तुरंत बाद टाइटन्स के साथ चर्चा शुरू कर दी थी कि ऑल-कैश ट्रेड होगा या खिलाड़ियों की अदला-बदली होगी. टाइटन्स के क्रिकेट निदेशक विक्रम सोलंकी ने कहा कि हार्दिक ने मुंबई लौटने की "इच्छा व्यक्त की" थी, जिन्होंने अंततः ऑल-कैश ट्रेड के तहत 15 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
प्लेयर ट्रेड क्या है और यह कब हो सकता है?
ऐसा तब होता है जब कोई खिलाड़ी ट्रेडिंग विंडो के दौरान उस IPL फ्रेंचाइजी से चला जाता है जिसने उसे खरीदा है. एक ट्रेड नकद सौदा या खिलाड़ी-से-खिलाड़ी की अदला-बदली हो सकती है. आईपीएल के नियमों के अनुसार, खिलाड़ी-ट्रेडिंग विंडो एक सीज़न समाप्त होने के एक महीने बाद शुरू होती है, नीलामी की तारीख से एक सप्ताह पहले तक खुली रहती है और फिर अगले सीज़न की शुरुआत से एक महीने पहले तक खुली रहती है. इसलिए वर्तमान ट्रेडिंग विंडो 12 दिसंबर तक खुली है, नीलामी 19 दिसंबर को निर्धारित है.
एक तरफ़ा ट्रेडिंग क्या है?
जब एक खिलाड़ी पूरी तरह से नकद सौदे में टीम ए से टीम बी में जाता है तब टीम बी टीम ए को नीलामी में खिलाड़ी की कीमत के बराबर राशि का भुगतान करेगी, या जैसे कि हार्दिक पंड्या के मामले में गुजरात टाइटन्स ने 2022 में नीलामी से पहले उन्हें साइन करते समय भुगतान किया था. उदाहरण के लिए, IPL में पहले भी नकद लेनदेन हुए हैं, जब कोलकाता नाइट राइडर्स ने नवंबर 2022 में लॉकी फर्ग्यूसन और रहमानुल्लाह गुरबाज़ में ट्रेड किया था.
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