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This Article is From Dec 10, 2016

सचिन तेंदुलकर के लिए क्यों खास है 10 दिसंबर? गावस्कर की कौन सी भविष्यवाणी हुई थी सच?

सचिन तेंदुलकर के लिए क्यों खास है 10 दिसंबर? गावस्कर की कौन सी भविष्यवाणी हुई थी सच?
सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: एक बल्लेबाज के रूप में सचिन तेंदुलकर ने जो रिकॉर्ड कायम किए हैं, शायद दुनिया के किसी अन्य क्रिकेटर के लिए उसे तोड़ पाना असंभव सा है. बचपन से ही सचिन एक बल्लेबाज के रूप में हर तरह की चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार थे.

15 साल की उम्र में टॉम आल्टर को दिए अपने पहले टीवी इंटरव्यू में सचिन ने बताया था कि वह हमेशा तेज गेंदबाजों को खेलना पसंद करते हैं, क्योंकि तेज गेंद सीधे बल्ले पर आती है. उस वक्त वेस्टइंडीज जैसी शानदार टीम और उनके तेज गेंदबाजों के खिलाफ जहां बड़े-बड़े बल्लेबाज खेलने से डरते थे, वहीं सचिन वेस्टइंडीज के मैदान और वहां के तेज गेंदबाजों के खिलाफ खेलना चाहते थे.

10 दिसंबर सचिन के लिए क्यों है यादगार?

10 दिसंबर सचिन तेंदुलकर के लिए एक खास दिन है. 10 दिसंबर, 1988 को मुंबई की तरफ से सचिन ने अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला था. गुजरात के खिलाफ इस मैच में सचिन ने यादगार पारी खेलते हुए शतक ठोका और प्रथम श्रेणी मैचों में सबसे कम उम्र में शतक बनाने का रिकॉर्ड बनाया था. इस मैच में पहली पारी में सचिन चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे और उन्होंने 129 गेंदों का सामने करते हुए 100 रन बनाए, जिसमें 14 चौके शामिल थे. दूसरी पारी में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. यह मैच ड्रॉ रहा था. रणजी ट्रॉफी के 1988-89 सत्र में सचिन ने मुंबई के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे.

सुनील गावस्कर की भविष्यवाणी?

सचिन तेंदुलकर ने जब प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना करियर शुरू किया था, तब तक सुनील गावस्कर क्रिकेट को अलविदा कह चुके थे. सुनील गावस्कर के साथ खेलने सचिन तेंदुलकर का जो सपना था, वह पूरा नहीं हो पाया. सचिन जब सिर्फ 14 साल के थे, तब सुनील गावस्कर ने उन्हें अपना अल्ट्रा लाइट पैड गिफ्ट किया था और आगे बेहतर खेलने की सलाह दी थी. सचिन ने जब अपने पहले रणजी मैच में शानदार शतक ठोका था, तब गावस्कर ने भविष्यवाणी की थी कि यह यह लड़का (सचिन तेंदुलकर) एक दिन उनके सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगा.

गावस्कर की भविष्यवाणी फिर 10 दिसंबर को ही सच हुई : सचिन अच्छा खेलते रहे और भारतीय टीम में उनका चयन हुआ. 15 नवंबर, 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ सचिन ने अपना टेस्ट करियर शुरू किया. कराची में खेले गए इस टेस्ट मैच में सचिन सिर्फ 15 रन बना पाए थे. 9 अगस्त, 1990 को उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा. सचिन एक बल्लेबाज के रूप में आगे बढ़ते गए और शतक जमाते रहे. टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने के गावस्कर (10122) के रिकॉर्ड को सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा. 10 दिसंबर, 2005 को सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट मैचों में गावस्कर के सर्वाधिक 34 शतक के रिकॉर्ड को तोड़ा.

इस तरह 17 सालों के बाद गावस्कर की भविष्यवाणी सच साबित हुई. यहां दिलचस्प बात यह है कि सचिन ने 10 दिसंबर को ही प्रथम श्रेणी मैचों में अपना पहला शतक जमाया था और 10 दिसंबर को ही उन्होंने टेस्ट मैचों में सर्वाधिक शतक बनाने का गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ा.

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