सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मौका था स्वच्छता और शौचालय के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता फ़ैलाने का। ये पहल है आईसीसी, बीसीसीआई और यूनिसेफ़ की जिसके तहत टीम स्वच्छ क्लीनिक लॉन्च किया गया। टीम स्वच्छ क्लीनिक आईसीसी वर्ल्ड टी-20 मैचों की मेज़बानी करने वाले हर स्थान पर जाकर जागरूकता फैलाने का काम करेगी।
एक वीडियो के ज़रिए दिखाया गया कि कैसे गंदगी में बॉल जाने पर क्रिकेट खेल रहे कुछ बच्चों को उस बॉल को छूने से रोका जा रहा है। इस मौके पर मौजूद क्रिकेट लेजेंड और यूनिसेफ़ के गुडविल ब्रैंड एम्बैसडर सचिन तेंदुलकर ने एक ऐसा किस्सा सबसे शेयर किया जिससे पता चला कि आखिर वो क्यों इतने स्वस्थ और फ़िट हैं।
सचिन ने कहा, "जब मैं छोटा था तब खाना खाने से पहले अपने हाथ नहीं धोता था, क्रिकेट खेलकर जैसे ही मैं घर आता था तो डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता था और फिर मम्मी मेरे हाथ धुलवाती थीं और बहुत डांटती थी। उनका बहुत शुक्रिया क्योंकि उनकी वजह से आज मैं स्वस्थ हूं।" तो सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी भी मम्मी की डांट के बाद ही सुधरे, जिसे वो आज तक मानते हैं..
एक वीडियो के ज़रिए दिखाया गया कि कैसे गंदगी में बॉल जाने पर क्रिकेट खेल रहे कुछ बच्चों को उस बॉल को छूने से रोका जा रहा है। इस मौके पर मौजूद क्रिकेट लेजेंड और यूनिसेफ़ के गुडविल ब्रैंड एम्बैसडर सचिन तेंदुलकर ने एक ऐसा किस्सा सबसे शेयर किया जिससे पता चला कि आखिर वो क्यों इतने स्वस्थ और फ़िट हैं।
सचिन ने कहा, "जब मैं छोटा था तब खाना खाने से पहले अपने हाथ नहीं धोता था, क्रिकेट खेलकर जैसे ही मैं घर आता था तो डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता था और फिर मम्मी मेरे हाथ धुलवाती थीं और बहुत डांटती थी। उनका बहुत शुक्रिया क्योंकि उनकी वजह से आज मैं स्वस्थ हूं।" तो सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी भी मम्मी की डांट के बाद ही सुधरे, जिसे वो आज तक मानते हैं..
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