
- अंशुल कंबोज ने टेस्ट में डेब्यू किया है. वो टेस्ट में 318 वें खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारत के लिए डेब्यू किया
- अंशुल कंबोज ने हरियाणा की विजय हजारे ट्रॉफी जीत में 17 विकेट लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
- साल 2024 में अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में एक पारी में सभी दस विकेट लेकर इतिहास रचा
Who is Anshul Kamboj: खेल में ऐसा ही होता है, किसी की चोट किसी दूसरे के लिए वरदान बन जाती है. और यहां से प्रदर्शन धमाकेदार प्रदर्शन हो जाए, तो फिर पूरी तस्वीर ही बदल जाती है. अब अंशुल कंबोज (Anshul Kamboj) ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया है. कंबोज को मैनचेस्टर टेस्ट में भारत की इलेवन में शामिल किया गया है. (India vs England, India Playing XI). बता दें कि चौथे टेस्ट में भारत के खिलाफ इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया है.
इंग्लैंड प्लेइंग इलेवन
जैक क्रॉली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रुक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेट कीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर
भारत प्लेइंग इलेवन
यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुबमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जड़ेजा, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रित बुमरा, मोहम्मद सिराज, अंशुल कंबोज
1⃣ innings 🤝 1⃣0⃣ wickets 👏
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) November 15, 2024
Historic Spell 🙌
3⃣0⃣.1⃣ overs
9⃣ maidens
4⃣9⃣ runs
1⃣0⃣ wickets 🔥
Watch 📽️ Haryana Pacer Anshul Kamboj's record-breaking spell in the 1st innings against Kerala 👌👌#RanjiTrophy | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/RcNP3NQJ2y
अर्शदीप की चोट से हुआ रास्ता साफ!
रविवार को आकाश दीप चौथे टेस्ट से बाहर हुए, तो सोमवार को लेफ्टी अर्शदीप को लेकर भी यह खबर आ गई. पहले अंशुल को आकाश दीप के बैक-अप बॉलर के रूप टीम से जोड़ा गया था, लेकिन अर्शदीप की चोट ने तो अंशुल को फाइनल XI के समीकरण में लगभग सुनिश्चित कर दिया.
हरियाणा की खिताबी जीत में निभाया अहम रोल
अंशोल ने साल 2022 में हरियाणा के लिए फर्सट् क्लास करियर का आगाज किया, लेकिन उन्होंने दम दिखाया व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में. इसी सीजन में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (राष्ट्रीय टी20) में 7 मैचों में इतने ही विकेट लिए, तो अगले सीजन में विजय हजारे (राष्ट्रीय वनडे ट्रॉफी) में अंशुल 10 मैचों में 17 विकेट चटकाकर हरियाणा की खिताबी जीत में अहम रोल प्ले कर राष्ट्रीय परिदृश्य में चर्चा का विषय बन गए.

...और रच दिया इतिहास
साल 2024 में अंशुल ने वह कारनामा किया, जो रणजी ट्रॉफी के करीब 91 साल के इतिहास में सिर्फ 3 ही गेंदबाज कर सके हैं. अंशुल ने केरल के खिलाफ मैच में एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा दिया. उनसे पहले यह कारनामा साल प्रेमांग्सु चटर्जी (बंगाल, 1956-57) और प्रदीप सोमसुंदरम (राजस्थान, 1985-86) ने किया था.
दलीप ट्रॉफी से और फैला नाम
साल 2024-25 का सीजन अंशुल के लिए खासा महत्वपूर्ण साबित हुआ. वह भारत 'सी' टीम में चुने गए. और यहां उन्होंने राष्ट्रीय चयन समिति का ध्यान खींचा, जब वह सिर्फ 3 मैचों से 16 विकेट चटकाकर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनाए. इस प्रदर्शन ने उन्हें विदेशी दौरे में भारत ए टीम का सदस्य बना दिया
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