
- अखिलेश यादव संसद मानसून सत्र के पहले दिल्ली की एक मस्जिद में गए थे जहां उनकी तस्वीर चर्चा में आई.
- सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने बताया कि मस्जिद जाने का आग्रह मैंने ही किया था. वहां कोई सियासी बैठक नहीं हुई.
- मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि भाजपा बेवजह धार्मिक विवाद खड़ा कर रही है.
Akhilesh Yadav in Mosque: दिल्ली की एक मस्जिद में बैठे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर इन दिनों सियासी बहस का कारण बना हुआ है. संसद के मानसून सत्र में शामिल होने सदन पहुंचने से पहले अखिलेश यादव, पत्नी डिंपल यादव सहित अन्य पार्टी सांसदों के साथ एक मस्जिद में गए थे. सपा नेताओं की मस्जिद वाली जो तस्वीर सामने आई, उसे देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वहां कोई बैठक चल रही हो. इस तस्वीर के सामने आते ही भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव पर हमला किया था.
सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की NDTV से खास बातचीत
अखिलेश यादव की मस्जिद वाली फोटो से मचे सियासी बवाल पर अब सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की प्रतिक्रिया सामने आई है. बुधवार को मानसून सत्र में हिस्सा लेने संसद पहुंचे सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने NDTV से खास बातचीत में मस्जिद वाली तस्वीर की कहानी बताई.
मेरी गुजारिश पर ही मस्जिद गए थे अखिलेशः नदवी
रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, "संसद का सत्र शुरू होने में करीब 1 घंटे का समय बचा था. मैंने ही अखिलेश यादव से गुजारिश की थी कि अगर समय हो तो संसद के पास मस्जिद में चलें. अखिलेश यादव से पहले इस मस्जिद में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेई भी आ चुके हैं."
बीजेपी बेवजह धार्मिक विवाद खड़ा करना चाह रहीः नदवी
सांसद नदवी ने आगे बताया कि मौलाना आजाद इस मस्जिद में नमाज पढ़ चुके हैं. बीजेपी बेवजह धार्मिक वजह से विवाद खड़ा करना चाहती है. यहां समाजवादी पार्टी की कोई बैठक नहीं हुई. अखिलेश यादव वहां गए उन्होंने हमसे बात की और फिर हम वापस सांसद आ गए.
अवधेश प्रसाद ने कहा- चाय पीने गए थे सपा सांसद
इस मुद्दे पर सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि हमारे नेता ने मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की है, वे सिर्फ चाय पीने गए थे. अवधेश प्रसाद ने IANS से बातचीत में कहा, "यह भाजपा की मानसिकता और विचारधारा है, और वे जो कह रहे हैं वह पूरी तरह से झूठ है. वे गलत तथ्यों के आधार पर भ्रामक बयान दे रहे हैं. हमारे नेता द्वारा मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं की गई.
अखिलेश के मस्जिद में चाय पीने से भाजपा को पेट दर्द क्योंः अवधेश
अवधेश प्रसाद ने आगे कहा, हां, यह सच है कि हमारे सांसद वहां रहते हैं और उन्होंने अनुरोध किया था कि एक कप चाय साथ बैठकर पीजिए. इसी वजह से हमारी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके आग्रह पर वहां गए थे. मैं पूछता हूं कि अखिलेश यादव के वहां (मस्जिद) चाय पीने से भाजपा के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?"
अखिलेश के मस्जिद वाली तस्वीर पर संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क की प्रतिक्रिया सामने आई है. देखें संभल सांसद ने क्या कुछ कहा?
भाजपा नेता अमित मालवीय ने उठाए सवाल
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों की तस्वीर को शेयर कर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्स पर लिखा, "समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद परिसर के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की. ये वही हैं, जिन्होंने राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (22 जनवरी 2024) को 'राजनीतिक प्रोजेक्ट' बताकर दूरी बना ली थी. यह 'धर्मनिरपेक्षता' नहीं, बल्कि वोट बैंक के लिए किया गया पाखंड है."
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