बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि बोर्ड देश में डे-नाइट के टेस्ट मैच की मेजबानी की जल्दी में नहीं है. ठाकुर के इस बयान के बावजूद बीसीसीआई ने गुलाबी गेंद को लेकर प्रयोग शुरू किया है. बोर्ड ने पहली बार दलीप ट्रॉफी का आयोजन डे-नाइट फॉर्मेट में किया है.
दलीप ट्रॉफी के मैच इस समय ग्रेटर नोएडा में गुलाबी गेंद से फ्लड लाइट्स में खेले जा रहे हैं. ठाकुर ने कहा कि बोर्ड गुलाबी गेंद से भारतीय स्थिति में खेलने के पर विचार अभी जारी टूर्नामेंट के बाद करेगा.
ईएसपीएनक्रिकइन्फो के मुताबिक, ठाकुर ने कहा, "बीसीसीआई किसी भी फैसले को लेकर जल्दबाजी में नहीं है और अभी जारी दलीप ट्रॉफी में हम इस प्रयोग को जारी रखेंगे."
उन्होंने कहा, "यह उन टूर्नामेंटों में से एक है जहां हम गुलाबी गेंद का इस्तेमाल कर रहे हैं। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद हम इस पर प्रतिक्रिया देंगे. भारतीय परिस्थित में गुलाबी गेंद से खेलना सही है या नहीं, और इससे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा या नहीं, इस पर बोर्ड भविष्य में फैसला लेगा."
ठाकुर ने कहा कि चार दिन के टेस्ट मैच और दो श्रेणी में टेस्ट क्रिकेट से खेल के लंबे प्रारूप में ज्यादा भीड़ नहीं आएगी. हमें इसके लिए उन कमियों को ढूंढना पड़ेगा जिनके कारण दर्शक इससे दूर रहते हैं.
उन्होंने कहा, "अगर आपके सामने सिद्ध प्रारूप नहीं है तो यह कैसे क्रिकेट की मदद करेंगे. मेरा मानना है कि हमें इससे दूर रहना चाहिए."
ठाकुर ने कहा, "हमें कमियों का विश्लेषण करना होगा. यह समय की जरूरत है. मुद्दा है कि टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा दर्शक क्यों नहीं आ रहे हैं. यह बुनियादी मुद्दा है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दलीप ट्रॉफी के मैच इस समय ग्रेटर नोएडा में गुलाबी गेंद से फ्लड लाइट्स में खेले जा रहे हैं. ठाकुर ने कहा कि बोर्ड गुलाबी गेंद से भारतीय स्थिति में खेलने के पर विचार अभी जारी टूर्नामेंट के बाद करेगा.
ईएसपीएनक्रिकइन्फो के मुताबिक, ठाकुर ने कहा, "बीसीसीआई किसी भी फैसले को लेकर जल्दबाजी में नहीं है और अभी जारी दलीप ट्रॉफी में हम इस प्रयोग को जारी रखेंगे."
उन्होंने कहा, "यह उन टूर्नामेंटों में से एक है जहां हम गुलाबी गेंद का इस्तेमाल कर रहे हैं। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद हम इस पर प्रतिक्रिया देंगे. भारतीय परिस्थित में गुलाबी गेंद से खेलना सही है या नहीं, और इससे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा या नहीं, इस पर बोर्ड भविष्य में फैसला लेगा."
ठाकुर ने कहा कि चार दिन के टेस्ट मैच और दो श्रेणी में टेस्ट क्रिकेट से खेल के लंबे प्रारूप में ज्यादा भीड़ नहीं आएगी. हमें इसके लिए उन कमियों को ढूंढना पड़ेगा जिनके कारण दर्शक इससे दूर रहते हैं.
उन्होंने कहा, "अगर आपके सामने सिद्ध प्रारूप नहीं है तो यह कैसे क्रिकेट की मदद करेंगे. मेरा मानना है कि हमें इससे दूर रहना चाहिए."
ठाकुर ने कहा, "हमें कमियों का विश्लेषण करना होगा. यह समय की जरूरत है. मुद्दा है कि टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा दर्शक क्यों नहीं आ रहे हैं. यह बुनियादी मुद्दा है."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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