
वर्ल्डकप क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ पहले मुक़ाबले में शानदार बल्लेबाज़ी करने वाले सुरेश रैना इस वर्ल्डकप में टीम इंडिया के लिए वही भूमिका निभाना चाहते हैं जो 2011 में युवराज सिंह ने निभाई थी। पाकिस्तान के खिलाफ रैना ने नंबर चार बल्लेबाज़ के तौर पर महज 56 गेंद पर 74 रन बनाकर टीम को 300 रन तक पहुंचने में मदद की।
अपनी इस पारी के बारे में बीसीसीआई टीवी को दिए एक इंटरव्यू में रैना ने कहा, 'मैंने युवराज सिंह और एमएस धोनी से जो सीखा है, उसे अपनाने की कोशिश कर रहा हूं। पिछले वर्ल्डकप में मैं निचले क्रम में बल्लेबाज़ी के लिए उतरा था, तब मुझे ज़्यादा खेलने का मौका नहीं मिला था। मैं ने ये देखा था कि युवी किस तरह मैच को फिनिश किया करते थे।'
सुरेश रैना ने आगे कहा, 'मैं वर्ल्डकप में युवराज सिंह की भूमिका निभाना चाहता हूं। अच्छी फील्डिंग करना चाहता हूं, अच्छी गेंदबाज़ी करना चाहता हूं और बल्लेबाज़ी भी।' युवराज सिंह 2011 में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के चलते मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुने गए थे। सुरेश रैना ने ये भी साफ़ किया है कि वे जरूरत पड़ने पर आक्रामक बल्लेबाज़ी करना चाहते हैं और जरूरत पड़ने पर संभल कर पारी बढ़ाने की कोशिश भी करेंगे।
पाकिस्तान के खिलाफ मुक़ाबले को चुनौतीपूर्ण मानते हुए रैना ने कहा, 'पाकिस्तान के खिलाफ मैच हमेशा दबाव वाले होते हैं। ये मेरा दूसरा वर्ल्डकप था और पाकिस्तान के खिलाफ दूसरा मैच भी, दोनों मैच हम जीतने में कामयाब रहे। मैं उनके इस रिकॉर्ड को कायम रखना चाहता हूं।'
ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर टीम इंडिया का प्रदर्शन बीते तीन महीने में औसत रहा था, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मैच में टीम पूरी लय में दिखी। इस मैच से पहले टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टीम के सभी खिलाड़ियों से बात कर उन्हें उनकी भूमिका के बारे में बताया था। इस पर रैना ने कहा, 'ये कप्तान का मास्टरस्ट्रोक था, उन्होंने सब खिलाड़ियों को उनकी भूमिका के बारे में समझाया।' सुरेश रैना ने इस इंटरव्यू के दौरान ये भी माना कि वे पाकिस्तान के खिलाफ मुक़ाबले को लेकर थोड़ा नवर्स भी थे, लेकिन मैदान पर उतरते ही सब कुछ ठीक हो गया।
उन्होंने कहा, 'मैं मुक़ाबले से पहले नवर्स था, लेकिन बल्लेबाज़ी करते वक्त उतरने के दौरान मुझे ध्यान था कि पाकिस्तान के खिलाफ पिछले वर्ल्डकप के मैच में मैंने 36 रन बनाए थे।'
सुरेश रैना के मुताबिक इस वर्ल्डकप के दौरान विकेटों के बीच दौड़ सबसे अहम भूमिका निभाने वाला है। रैना के मुताबिक लंबे मैदान होने के चलते बेहतरीन भागने वाले को स्कोर करने में मदद मिलेगी। स्ट्राइक रोटेट करके हम पांच से छह रन प्रति ओवर बना सकते हैं।
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