विनोद राय पूर्व सीएजी हैं
कोसुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में चार प्रशासकों की नियुक्ति की. पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय की अगुवाई में इन प्रशासकों की नियुक्ति की गई है. इतिहासकार और क्रिकेट लेखक रामचंद्र गुहा भी इन प्रशासकों में शामिल हैं. IDFC की अध्यक्ष विक्रम लिमाई और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी भी प्रशासकों में शामिल किए गए हैं. विक्रम लिमाई और अमिताभ चौधरी BCCI की तरफ से ICC की मीटिंग में भी जाएंगे. उनके साथ BCCI के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी भी होंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया था, तभी से प्रशासकों के पद खाली थे.
नए प्रशासक यह देखेंगे कि लोढा पैनल की कितनी सिफारिशें बोर्ड की ओर से लागू की गईं हैं और कितनी नहीं. प्रशासकों की कमेटी चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगी. मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. गौरतलब है कि 24 जनवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े मामले में BCCI से भी प्रशासकों के लिए सीलबंद लिफाफे में नाम मांगे थे.
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आखिर इतिहासकार रामचंद्र गुहा को क्यों चुना गया क्रिकेट प्रशासक? ये हैं वजहें...
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केंद्र की मांग ठुकराई
केंद्र सरकार की खेल सचिव को प्रशासक नियुक्त करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी. सर्वोच्च कोर्ट ने कहा कि आदेश के मुताबिक कोई सरकारी अफसर इसमें नहीं होगा.
प्रशासकों को भुगतान नहीं करने की दलील भी नहीं मानी
सुप्रीम कोर्ट ने BCCI की वह दलील भी ठुकरा दी, जिसमें कहा गया था कि वह प्रशासकों को भुगतान नहीं करेंगे, क्योंकि BCCI में पदाधिकारी वेतन के बिना काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी को सम्मानित भत्ता दिया जाए. हम चाहते है कि सब प्रोफेशनल तरीके से काम करें.
63 वर्ष की डायना एडुलजी टीम इंडिया में हरफनमौला की हैसियत से खेलीं थीं. मुंबई की डायना दाएं हाथ की बल्लेबाज होने के अलावा बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करती थीं. उन्हें भारतीय महिला टीम की प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार किया जाता था. 20 टेस्ट और 34 वनडे मैचों में उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया. टेस्ट मैचों में उनके खाते में 404 रन और 63 विकेट दर्ज हैं. वनडे मैचों में वे 211 रन बनाने के अलावा 46 विकेट भी उनके नाम पर दर्ज हैं.
एजी ने किया था विरोध
गौरतलब है कि 24 जनवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े मामले में BCCI से भी प्रशासकों के लिए सीलबंद लिफाफे में नाम मांगे थे. उस समय मामले में पेश हुए अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने प्रशासकों की नियुक्ति का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि कि दो हफ्ते तक प्रशासक नियुक्त नहीं किए जाएं. हालांकि अब कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानते हुए प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है.
अटॉर्नी जनरल के इस रुख पर सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक लहजे में कहा था कि वे इतने दिन कहां थे जब कोर्ट ने बीसीसीआई को लेकर अपना फैसला दिया था और लोढा कमेटी ने अपनी सिफारिशें दी थीं. केंद्र की ओर से AG ने कहा था कि हम विचार कर रहे हैं कि सभी खेलों के लिए एक कानून बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हम ये चाहते हैं कि सब एसोसिएशनों को स्वायत्तता मिले.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की नियुक्ति 30 जनवरी तक टाल दी थी. अदालत ने बीसीसीआई से सीलबंद लिफाफे में तीन नाम देने को कहा था जो फरवरी में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की बैठक में हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अख्तियार कर चुका है. कोर्ट ने बीसीसीआई से साफ कहा था कि उसे लोढा कमेटी के सुधार लागू करने ही होंगे. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि हमारा वक़्त बरबाद न करें और जस्टिस लोढ़ा कमेटी की मानें.
नए प्रशासक यह देखेंगे कि लोढा पैनल की कितनी सिफारिशें बोर्ड की ओर से लागू की गईं हैं और कितनी नहीं. प्रशासकों की कमेटी चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौपेंगी. मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. गौरतलब है कि 24 जनवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े मामले में BCCI से भी प्रशासकों के लिए सीलबंद लिफाफे में नाम मांगे थे.
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आखिर इतिहासकार रामचंद्र गुहा को क्यों चुना गया क्रिकेट प्रशासक? ये हैं वजहें...
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केंद्र की मांग ठुकराई
केंद्र सरकार की खेल सचिव को प्रशासक नियुक्त करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी. सर्वोच्च कोर्ट ने कहा कि आदेश के मुताबिक कोई सरकारी अफसर इसमें नहीं होगा.
प्रशासकों को भुगतान नहीं करने की दलील भी नहीं मानी
सुप्रीम कोर्ट ने BCCI की वह दलील भी ठुकरा दी, जिसमें कहा गया था कि वह प्रशासकों को भुगतान नहीं करेंगे, क्योंकि BCCI में पदाधिकारी वेतन के बिना काम करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी को सम्मानित भत्ता दिया जाए. हम चाहते है कि सब प्रोफेशनल तरीके से काम करें.
63 वर्ष की डायना एडुलजी टीम इंडिया में हरफनमौला की हैसियत से खेलीं थीं. मुंबई की डायना दाएं हाथ की बल्लेबाज होने के अलावा बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करती थीं. उन्हें भारतीय महिला टीम की प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार किया जाता था. 20 टेस्ट और 34 वनडे मैचों में उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया. टेस्ट मैचों में उनके खाते में 404 रन और 63 विकेट दर्ज हैं. वनडे मैचों में वे 211 रन बनाने के अलावा 46 विकेट भी उनके नाम पर दर्ज हैं.
एजी ने किया था विरोध
गौरतलब है कि 24 जनवरी की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जुड़े मामले में BCCI से भी प्रशासकों के लिए सीलबंद लिफाफे में नाम मांगे थे. उस समय मामले में पेश हुए अटॉर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी ने प्रशासकों की नियुक्ति का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि कि दो हफ्ते तक प्रशासक नियुक्त नहीं किए जाएं. हालांकि अब कोर्ट ने उनकी बात नहीं मानते हुए प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है.
अटॉर्नी जनरल के इस रुख पर सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक लहजे में कहा था कि वे इतने दिन कहां थे जब कोर्ट ने बीसीसीआई को लेकर अपना फैसला दिया था और लोढा कमेटी ने अपनी सिफारिशें दी थीं. केंद्र की ओर से AG ने कहा था कि हम विचार कर रहे हैं कि सभी खेलों के लिए एक कानून बनाया जाए. उन्होंने कहा कि हम ये चाहते हैं कि सब एसोसिएशनों को स्वायत्तता मिले.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की नियुक्ति 30 जनवरी तक टाल दी थी. अदालत ने बीसीसीआई से सीलबंद लिफाफे में तीन नाम देने को कहा था जो फरवरी में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की बैठक में हिस्सा लेंगे. गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अख्तियार कर चुका है. कोर्ट ने बीसीसीआई से साफ कहा था कि उसे लोढा कमेटी के सुधार लागू करने ही होंगे. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि हमारा वक़्त बरबाद न करें और जस्टिस लोढ़ा कमेटी की मानें.
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