कोच-इंटरव्यू विवाद पर रवि शास्त्री को लेकर उठे विवाद के बाद सौरव गांगुली ने मीडिया में आकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। एक टीवी इंटरव्यू में गांगुली ने कहा कि रवि शास्त्री को उस इंटरव्यू के बारे में पूरे तथ्य नहीं पता हैं और उन्होंने उनके बारे में गलत प्रतिक्रिया दी है। गांगुली ने यह कहा है कि यदि शास्त्री कोच नहीं बनाए जाने के लिए उन्हें जिम्मेदार मानते हैं, तो वह मूर्खों की दुनिया में रह रहे हैं।
गांगुली ने इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में कहा," मैं बेहद दुखी और नाराज हूं। उन्हें थोड़ी सी तो परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। उन्हें उस घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।"
शास्त्री को छुट्टियां मनाने की जगह, मीटिंग में होना चाहिए था
शास्त्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गांगुली ने कहा कि मुख्य कोच पर पर दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले की नियुक्ति समिति का सामूहिक निर्णय था। गांगुली ने कहा, 'यदि मैं वहां (इंटरव्यू स्थल पर) उपस्थित नहीं था, तो वह भी वहां नहीं थे। उनको (रवि शास्त्री) को भी मीटिंग में होना चाहिए था, न कि बैंकॉक में छुट्टियां मनाना था।'
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे लगता है कि उनके (शास्त्री) बयान काफी व्यक्तिगत हैं। अगर शास्त्री को लगता है कि मैं उन्हें मुख्य कोच पद के लिए न चुनने के लिए जिम्मेदार हूं, तो वह 'बेवकूफों' की दुनिया में रह रहे हैं।"
गांगुली यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, "मैं इस बात से नाराज हूं कि उन्होंने मुझे इस तरह की मीटिंग में मौजूद रहने की सलाह दी है। मैं कुछ ही समय से बीसीसीआई मीटिंग का हिस्सा रहा हूं और मैंने उनमें हमेशा हिस्सा लिया है। रवि को मेरी सलाह यह है कि जब टीम इंडिया के कोच के चयन जैसा बहुत ही महत्वपूर्ण काम हो, तब उन्हें कमेटी के सामने होना चाहिए, न कि बैकॉक में छुट्टियां मनाने के दौरान वहां से प्रजेंटेशन देना चाहिए।'
बीसीसीआई से अनुमति मिलने पर करूंगा मेल सार्वजनिक
पूर्व कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य गांगुली ने कहा कि वह व्यक्तिगत हमलों से आहत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा, 'जब मैंने कुछ न्यूजपेपरों में यह सब पढ़ा, तो अनदेखा करने का फैसला किया। मुझे इस बात से तकलीफ हुई कि एक ऐसे व्यक्ति (शास्त्री) ने खुद सामने आकर अपने विचार रख दिए, जो पिछले 20 सालों से बीसीसीआई की हर समिति का हिस्सा रहा है। 10 साल पहले वह भी मेरी तरह कोच चयन समिति में रह चुके हैं। वह सबकुछ जानते हैं। मैंने बीसीसीआई को 19 तारीख को ही सूचित कर दिया था और मेरे पास आधिकारिक मेल भी हैं। बीसीसीआई से क्लियरेंस मिलने पर मैं यह सभी मेल सार्वजिनक कर दूंगा।'
शास्त्री ने गांगुली को लिया था आड़े हाथों
दरअसल कोच नहीं बनाये जाने के बाद रवि शास्त्री ने अख़बारों को दिए गए इंटरव्यू में बयान दिया कि गांगुली ने उनका अनादर किया। पूर्व टीम डायरेक्टर शास्त्री ने यह भी कहा कि वह नाराज नहीं, लेकिन मायूस ज़रूर हैं। उन्होंने गांगुली को सलाह भी दे डाली थी कि अगली बार वह ऐसे मौके पर उपस्थित रहें। कोच-इंटरव्यू विवाद पर ट्विटर पर भी दिलचस्प प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति के लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में गांगुली के अलावा, दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और वी.वी.एस. लक्ष्मण शामिल थे और इसमें संजय जगदाले ने भी उनका साथ दिया था।
पूर्व क्रिकेटरों ने भी दी प्रतिक्रिया
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कोच विवाद पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, "सौरव से ज़्यादा, मुझे लगता है रवि कोच के लिए नकारे जाने से खफा हैं। यह उनके लिए नया अनुभव है। वैसे बीसीसीआई ने बेहतर कोच का चुनाव किया है।"
वैसे पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने ट्वीट किया, "कोच की नौकरी हासिल नहीं करना अलग बात है, लेकिन शास्त्री के पास जायज़ वजह है कि वह एक चयनकर्ता के बर्ताव से नाखुश दिखें।"
टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले ने संयमित बयान दिया, "ये मेरी या फिर शास्त्री की बात नहीं है। हम सभी चाहते हैं कि टीम इंडिया अच्छा करे। मैं पहला व्यक्ति था जिसने शास्त्री को टीम के साथ बेहतरीन काम करने पर बधाई दी। रवि ने टीम के लिए अच्छा काम किया।"
कोच-इंटरव्यू विवाद पर ट्विटर वार के साथ मीडिया में कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन विवादों के छींटे टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों का जायका नहीं बिगाड़ेंगे।
गांगुली ने इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में कहा," मैं बेहद दुखी और नाराज हूं। उन्हें थोड़ी सी तो परिपक्वता दिखानी चाहिए थी। उन्हें उस घटना के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।"
शास्त्री को छुट्टियां मनाने की जगह, मीटिंग में होना चाहिए था
शास्त्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गांगुली ने कहा कि मुख्य कोच पर पर दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले की नियुक्ति समिति का सामूहिक निर्णय था। गांगुली ने कहा, 'यदि मैं वहां (इंटरव्यू स्थल पर) उपस्थित नहीं था, तो वह भी वहां नहीं थे। उनको (रवि शास्त्री) को भी मीटिंग में होना चाहिए था, न कि बैंकॉक में छुट्टियां मनाना था।'
उन्होंने यह भी कहा, "मुझे लगता है कि उनके (शास्त्री) बयान काफी व्यक्तिगत हैं। अगर शास्त्री को लगता है कि मैं उन्हें मुख्य कोच पद के लिए न चुनने के लिए जिम्मेदार हूं, तो वह 'बेवकूफों' की दुनिया में रह रहे हैं।"
गांगुली यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, "मैं इस बात से नाराज हूं कि उन्होंने मुझे इस तरह की मीटिंग में मौजूद रहने की सलाह दी है। मैं कुछ ही समय से बीसीसीआई मीटिंग का हिस्सा रहा हूं और मैंने उनमें हमेशा हिस्सा लिया है। रवि को मेरी सलाह यह है कि जब टीम इंडिया के कोच के चयन जैसा बहुत ही महत्वपूर्ण काम हो, तब उन्हें कमेटी के सामने होना चाहिए, न कि बैकॉक में छुट्टियां मनाने के दौरान वहां से प्रजेंटेशन देना चाहिए।'
बीसीसीआई से अनुमति मिलने पर करूंगा मेल सार्वजनिक
पूर्व कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य गांगुली ने कहा कि वह व्यक्तिगत हमलों से आहत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा, 'जब मैंने कुछ न्यूजपेपरों में यह सब पढ़ा, तो अनदेखा करने का फैसला किया। मुझे इस बात से तकलीफ हुई कि एक ऐसे व्यक्ति (शास्त्री) ने खुद सामने आकर अपने विचार रख दिए, जो पिछले 20 सालों से बीसीसीआई की हर समिति का हिस्सा रहा है। 10 साल पहले वह भी मेरी तरह कोच चयन समिति में रह चुके हैं। वह सबकुछ जानते हैं। मैंने बीसीसीआई को 19 तारीख को ही सूचित कर दिया था और मेरे पास आधिकारिक मेल भी हैं। बीसीसीआई से क्लियरेंस मिलने पर मैं यह सभी मेल सार्वजिनक कर दूंगा।'
शास्त्री ने गांगुली को लिया था आड़े हाथों
दरअसल कोच नहीं बनाये जाने के बाद रवि शास्त्री ने अख़बारों को दिए गए इंटरव्यू में बयान दिया कि गांगुली ने उनका अनादर किया। पूर्व टीम डायरेक्टर शास्त्री ने यह भी कहा कि वह नाराज नहीं, लेकिन मायूस ज़रूर हैं। उन्होंने गांगुली को सलाह भी दे डाली थी कि अगली बार वह ऐसे मौके पर उपस्थित रहें। कोच-इंटरव्यू विवाद पर ट्विटर पर भी दिलचस्प प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति के लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में गांगुली के अलावा, दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और वी.वी.एस. लक्ष्मण शामिल थे और इसमें संजय जगदाले ने भी उनका साथ दिया था।
पूर्व क्रिकेटरों ने भी दी प्रतिक्रिया
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कोच विवाद पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया, "सौरव से ज़्यादा, मुझे लगता है रवि कोच के लिए नकारे जाने से खफा हैं। यह उनके लिए नया अनुभव है। वैसे बीसीसीआई ने बेहतर कोच का चुनाव किया है।"
More than Sourav, I think Ravi is miffed with the rejection. It's a new experience for him. BCCI have made the better choice as coach.
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) June 29, 2016
वैसे पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने ट्वीट किया, "कोच की नौकरी हासिल नहीं करना अलग बात है, लेकिन शास्त्री के पास जायज़ वजह है कि वह एक चयनकर्ता के बर्ताव से नाखुश दिखें।"
Not getting coach's job apart RJSHASTRI has every reason 2b peeved with selection process whence 1 selector played truant..not above board!!
— Bishan Bedi (@BishanBedi) June 29, 2016
टीम इंडिया के नए कोच अनिल कुंबले ने संयमित बयान दिया, "ये मेरी या फिर शास्त्री की बात नहीं है। हम सभी चाहते हैं कि टीम इंडिया अच्छा करे। मैं पहला व्यक्ति था जिसने शास्त्री को टीम के साथ बेहतरीन काम करने पर बधाई दी। रवि ने टीम के लिए अच्छा काम किया।"
कोच-इंटरव्यू विवाद पर ट्विटर वार के साथ मीडिया में कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन विवादों के छींटे टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों का जायका नहीं बिगाड़ेंगे।
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